यहेजकेल अध्याय 43
4 यहोवा की महिमा, मन्दिर में उस फाटक से आई जो पूर्व को खुलता है।
5 तब आत्मा ने मुझे ऊपर उठाया और भीतरी आँगन में ले गई। यहोवा की महिमा ने मन्दिर को भर दिया।
6 मैंने मन्दिर के भीतर से किसी को बातें करते सुना। व्यक्ति मेरी बगल में खड़ा था।
7 मन्दिर में एक आवाज ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, यही स्थान मेरे सिंहासन और पदपीठ का है। मैं इस स्थान पर इस्राएल के लोगों में सदा रहूँगा। इस्राएल का परिवार मेरे पवित्र नाम को फिर बदनाम नहीं करेगा। राजा और उनके लोग मेरे नाम को अपवित्र करके या इस स्थान पर अपने राजाओं का शव दफनाकर लज्जित नहीं करेंगे।
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