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गिनती total 36 अध्याय

गिनती

गिनती अध्याय 31
गिनती अध्याय 31

इस्राएल ने मिद्यानियों के विरुद्ध प्रत्याक्रमण किया 1 यहोवा ने मूसा से बात की। उसने कहा,

2 “मैं इस्राएल के लोगों के साथ मिद्यानियों ने जो किया है उसके लिए उन्हें दण्ड दूँगा। उसके बाद, मूसा, तू मर जाएगा।”* तू मर जाएगा शाब्दिक, “अपने पूर्वजों के साथ हो जाओगे।”

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3 इसलिए मूसा ने लोगों से बात की। उसने कहा, “अपने कुछ पुरुषों को युद्ध के लिए तैयार करो। यहोवा उन व्यक्तियों का उपयोग मिद्यानियों को दण्ड देने में करेगा।

4 ऐसे एक हजार पुरुषों को इस्राएल के हर एक कबीले से चुनो।

5 इस्राएल के सभी परिवार समूहों से बारह हजार सैनिक होंगे।”

6 मूसा ने उन बारह हजार पुरुषों को युद्ध के लिए भेजा। उसने याजक एलीआज़ार को उनके साथ भेजा। एलीआज़ार ने अपने साथ पवित्र वस्तुएं, सींग और बिगुल ले लिए।

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7 इस्राएली लोगों के साथ वैसे ही लड़े जैसा यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था। उन्होंने सभी मिद्यानीं पुरुषों को मार डाला।

8 जिन लोगों को उन्होंने मार डाला उनमें एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा ये पाँच मिद्यानी राजा थे। उन्होंने बोर के पुत्र बिलाम को भी तलवार से मार डाला।

9 इस्राएल के लोगों ने मिद्यानी स्त्रियों और बच्चों को बन्दी बनाया। उन्होंने उनकी सारी रेवड़ों, मवेशियों के झुण्डों और अन्य चीज़ों को ले लिया।

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10 तब उन्होंने उनके उन सारे खेमों और नगरों में आग लगा दी जहाँ वे रहते थे।

11 उन्होंने सभी लोगों और जानवरों को ले लिया,

12 और उन्हें मूसा, याजक एलीआज़ार और इस्राएल के सभी लोगों के पास लाए। वे उन सभी चीज़ों को इस्राएल के डेरे में लाए जिन्हें उन्होंने वहाँ प्राप्त किया। इस्राएल के लोग मोआब में स्थित यरदन घाटी में डेरा डाले थे। यह यरीहो के समीप यरदन नदी के पूर्व की ओर था।

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13 तब मूसा, याजक एलीआज़ार और लोगों के नेता सैनिकों से मिलने के लिए डेरों से बाहर गए।

14 मूसा सेनापतियों पर बहुत क्रोधित था। वह उन एक हजार की सेना के संचालकों और सौ की सेना के संचालकों पर क्रोधित था जो युद्ध से लौट कर आए थे।

15 मूसा ने उनसे कहा, “तुम लोगों ने स्त्रियों को क्यों जीवित रहने दिया

16 देखो यह स्त्री ही थी जिसके कारण बिलाम की घटना में इस्रालियों के लिए समस्याएं पैदा हुई और पोर में वे यहोवा के विरुद्ध हो गये जिससे इस्राएल के लोगों को महामारी झेलनी पड़ी।

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17 अब सभी मिद्यानी लड़कों को मार डालो और उन सभी मिद्यानी स्त्रियों को मार डालो जो किसी व्यक्ति के साथ रही हैं। उन सभी स्त्रियों को मार डालो जिनका किसी पुरुष के साथ यौन सम्बन्ध था।

18 तुम केवल उन सभी लड़कियों को जीवित रहने दे सकते हो जिनका किसी पुरुष के साथ यौन सम्बन्ध नहीं हुआ है।

19 तब अन्य व्यक्तियों को मारने वाले तुम लोगों को सात दिन तक डेरे के बाहर रहना पड़ेगा। तुम्हें डेरे से बाहर रहना होगा यदि तुमने किसी शव को छूआ हो। तीसरे दिन तुम्हें और तुम्हारे बन्दियों को अपने आप को शुद्ध करना होगा। तुम्हें वही कार्य सातवें दिन फिर करना होगा।

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20 तुम्हें अपने सभी कपड़े धोने चाहिए। तुम्हें चमड़े की बनी हर वस्तु ऊनी और लकड़ी की बनी वस्तुओं को भी धोना चाहिए। तुम्हें शुद्ध हो जाना चाहिए।”

21 तब याजक एलीआज़ार ने सैनिकों से बात की। उसने कहा, “ये नियम वे ही हैं जिन्हें यहोवा न मूसा को दिए थे। वे नियम युद्ध से लौटने वाले सैनिकों के लिए हैं।

22 (22-23)किन्तु जो चीज़ें आग में डाली जा सकती हैं उनके बारे में अलग—अलग नियम हैं। तुम्हें सोना, चाँदी, काँसा, लोहा, टिन या सीसे को आग में डालना चाहिए और जब उन्हें पानी से धोओ वे शुद्ध हो जाएंगी। यदि चीज़ें आग में न डाली जा सकें तो तुम्हें उन्हें पानी से धोना चाहिए।

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23

24 सातवें दिन तुम्हें अपने सारे वस्त्र धोने चाहिए। जब तुम शुद्ध हो जाओगे।”

25 उसके बाद तुम डेरे में आ सकते हो। तब यहोवा ने मूसा से कहा,

26 “मूसा तुम्हें याजक एलीआज़ार और सभी नेताओं को चाहिए कि तुम उन बन्दियों, जानवरों और सभी चीज़ों को गिनों जिन्हें सैनिक युद्ध से लाऐ हों।

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27 तब उन चीज़ों को युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों और शेष इस्राएल के लोगों में बाँट देना चाहिए।

28 जो सैनिक युद्ध में भाग लेने गये थे उनसे उन चीज़ों का आधा लो। वह हिस्सा यहोवा का होगा। हर एक पाँच सौ चीजों में से एक यहोवा का हिस्सा होगा। इसमें व्यक्ति मवेशी, गधे और भेड़े सम्मिलित हैं।

29 सैनिकों ने युद्ध में जो चीज़े प्राप्त की उनका आधा हर एक से ली। तब उन चीज़ों को (प्रत्येक पाँच सौ में से एक) याजक एलीआज़ार को दो। वह भाग यहोवा का होगा

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30 और तब बाकी के लोगों के आधे में से हर एक पचास चीज़ों में से एक चीज़ लो। इसमें व्यक्ति, मवेशी, गधा, भेड़ या कोई अन्य जानवर शामिल हैं। यह हिस्सा लेविवंशी को दो। क्यों क्योंकि लेवीवंशी यहोवा के पवित्र तम्बू की देखभाल करते हैं।”

31 इस प्रकार मूसा और याजक एलीआज़ार ने वही किया जो मूसा को यहोवा का आदेश था।

32 सैनिकों ने छः लाख पचहत्तर हजार भेड़ें,

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33 बहत्तर हजार मवेशी,

34 एकसठ हजार गधे,

35 बत्तीस हजार स्त्रियाँ लूटी थी। (ये ऐसी स्त्रियाँ थीं जिनका किसी पुरुष के साथ यौन सम्बन्ध नहीं हुआ था।)

36 जो सैनिक युद्ध में गए थे उन्होंने अपने हिस्से की तीन लाख सैंतीस हजार पाँच सौ भेड़ें प्राप्त कीं।

37 उन्होंने छः सौ पचहत्तर भेड़ें यहोवा को दीं।

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38 सैनिकों को छत्तीस हजार मवेशी मिले। उन्होंने बहत्तर यहोवा को दिए।

39 सैनिकों ने साढ़े तीस हजार गधे प्राप्त किये। उन्होंने यहोवा को एकसठ गधे दिये।

40 सैनिकों को सोलह हजार स्त्रियाँ मिलीं। उन्होंने बत्तीस स्त्रियाँ यहोवा को दीं।

41 यहोवा के आदेश के अनुसार मूसा ने यहोवा के लिए दी गई उन सारी भेटों को याजक एलीआज़ार को दे दिया।

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42 तब मूसा ने लोगों को प्राप्त आधे हिस्से को गिना। यह वह हिस्सा था जिसे मूसा ने युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों से लिया था।

43 लोगों ने तीन लाख सैंतीस हजार पाँच सौ भेड़ें,

44 छत्तीस हजार मवेशी,

45 तीस हजार पाँच सौ गधे

46 और सोलह हजार स्त्रियाँ प्राप्त कीं।

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47 मूसा ने हर एक पचास चीज़ों पर एक चीज़ यहोवा के लिए ली। इसमें जानवर और व्यक्ति दोनों शामिल थे। तब उन चीज़ों को उसने लेवीवंशी को दे दिया। क्यों क्योंकि वे यहोवा के पवित्र तम्बू की देखभाल करते थे। मूसा ने यह यहोवा के आदेश के अनुसार किया।

48 तब सेना के संचालक (एक हजार सैनिकों के सेनापति तथा एक सौ सैनिकों के सेनापति) मूसा के पास गए।

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49 उन्होंने मूसा से कहा, “तेरे सेवक हम लोगों ने अपने सभी सैनिकों को गिना है। हम लोगों में से कोई भी कम नहीं है।

50 इसलिए हम लोग हर एक सैनिक से यहोवा की भेंट ला रहे हैं। हम लोग सोने की चीज़ें बाजूबन्द, शुजबन्द, अंगूठी, कान की बालियाँ और हार ला रहे हैं। यहोवा के ये भेंटें हमारे पापों के भुगतान के लिए हैं।”

51 इसलिए मूसा ने वे सभी सोने की चीज़ें लीं और याजक एलीआज़ार को उन्हें दिया।

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52 एक हजार सैनिकों और सौ सैनिकों के सेनापतियों ने जो सोना एकत्र किया और यहोवा को दिया उसका वजन लगभग चार सौ बीस पौंड चार सौ बीस पौंड मूल में 16,750 शेकेल। था।

53 प्रत्येक सैनिक ने यद्ध में प्राप्त चीज़ों का अपना हिस्सा अपने पास रख लिया।

54 मूसा और एलीआज़ार ने एक हजार सैनिकों और एक सौ सैनिकों के सेनापतियों से सोना लिया। तब उन्होंने सोने को मिलापवाले तम्बू में रखा। यह भेंट एक यादगार यादगार कोई ऐसी चीज़ जिसे लोग इस रूप में याद करते हैं कि कभी अतीत में ऐसा हुआ। के रूप में इस्राएल के लोगों के लिए यहोवा के सामने थी।