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भजन संहिता total 150 अध्याय

भजन संहिता

भजन संहिता अध्याय 118
भजन संहिता अध्याय 118

1 यहोवा का मान करो क्योंकि वह परमेश्वर है। उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!

2 इस्राएल यह कहता है, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”

3 याजक ऐसा कहते हैं, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”

भजन संहिता अध्याय 118

4 तुम लोग जो यहोवा की उपासना करते हो, कहा करते हो, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”

5 मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।

6 यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा। लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।

भजन संहिता अध्याय 118

7 यहोवा मेरा सहायक है। मैं अपने शत्रुओं को पराजित देखूँगा।

8 मनुष्यों पर भरोसा रखने से यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।

9 अपने मुखियाओं पर भरोसा रखने से यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।

भजन संहिता अध्याय 118

10 मुझको अनेक शत्रुओं ने घेर लिया है। यहोवा की शक्ति से मैंने अपने बैरियों को हरा दिया।

11 शत्रुओं ने मुझको फिर घेर लिया। यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।

12 शत्रुओं ने मुझे मधु मक्खियों के झुण्ड सा घेरा। किन्तु, वे एक शीघ्र जलती हुई झाड़ी के समान नष्ट हुआ। यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।

भजन संहिता अध्याय 118

13 मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया और मुझे लगभग बर्बाद कर दिया किन्तु यहोवा ने मुझको सहारा दिया।

14 यहोवा मेरी शक्ति और मेरा विजय गीत है। यहोवा मेरी रक्षा करता है।

15 सज्जनों के घर में जो विजय पर्व मन रहा तुम उसको सुन सकते हो। देखो, यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर दिखाई है।

भजन संहिता अध्याय 118

16 यहोवा की भुजाये विजय में उठी हुई हैं। देखो यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर से दिखाई।

17 मैं जीवित रहूँगा, मैं मरूँगा नहीं, और जो कर्म यहोवा ने किये हैं, मैं उनका बखान करूँगा।

18 यहोवा ने मुझे दण्ड दिया किन्तु मरने नहीं दिया।

भजन संहिता अध्याय 118

19 हे पुण्य के द्वारों तुम मेरे लिये खुल जाओ ताकि मैं भीतर आ पाऊँ और यहोवा की आराधना करूँ।

20 वे यहोवा के द्वार है। बस केवल सज्जन ही उन द्वारों से होकर जा सकते हैं।

21 हे यहोवा, मेरी विनती का उत्तर देने के लिये तेरा धन्यवाद। मेरी रक्षा के लिये मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ।

भजन संहिता अध्याय 118

22 जिसको राज मिस्रियों ने नकार दिया था वही पत्थर कोने का पत्थर बन गया।

23 यहोवा ने इसे घटित किया और हम तो सोचते हैं यह अद्भुत है!

24 यहोवा ने आज के दिन को बनाया है। आओ हम हर्ष का अनुभव करें और आज आनन्दित हो जाये!

भजन संहिता अध्याय 118

25 लोग बोले, “यहोवा के गुण गाओ! यहोवा ने हमारी रक्षा की है!

26 उस सब का स्वागत करो जो यहोवा के नाम में आ रहे हैं।” याजकों ने उत्तर दिया, “यहोवा के घर में हम तुम्हारा स्वागत करते हैं!

27 यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है। बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”

भजन संहिता अध्याय 118

28 हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है, और मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ। मैं तेरे गुण गाता हूँ!

29 यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है। उसकी सत्य करूणा सदा बनी रहती है।