यशायाह अध्याय 21
4 मेरा हृदय धड़कता है, मैं अत्यन्त भयभीत हूं, जिस सांझ की मैं बाट जोहता था उसे उसने मेरी थरथराहट का कारण कर दिया है।
5 भोजन की तैयारी हो रही है, पहरूए बैठाए जा रहे हैं, खाना-पीना हो रहा है। हे हाकिमो, उठो, ढाल में तेल मलो!
6 क्योंकि प्रभु ने मुझ से यों कहा है, जा कर एक पहरूआ खड़ा कर दे, और वह जो कुछ देखे उसे बताए।
7 जब वह सवार देखे जो दो-दो कर के आते हों, और गदहों और ऊंटों के सवार, तब बहुत ही ध्यान देकर सुने।
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