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यिर्मयाह total 52 अध्याय

यिर्मयाह

यिर्मयाह अध्याय 1
यिर्मयाह अध्याय 1

1 हिल्किय्याह का पुत्र यिर्मयाह जो बिन्यामीन देश के अनातोत में रहने वाले याजकों में से था, उसी के ये वचन हैं।

2 यहोवा का वचन उसके पास आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के दिनों में उसके राज्य के तेरहवें वर्ष में पहुंचा।

3 इसके बाद योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के दिनों में, और योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के ग्यारहवें वर्ष के अन्त तक भी प्रगट होता रहा जब तक उसी वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम के निवासी बंधुआई में न चले गए।

यिर्मयाह अध्याय 1

4 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

5 गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।

6 तब मैं ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा! देख, मैं तो बोलना ही नहीं जानता, क्योंकि मैं लड़का ही हूँ।

7 परन्तु यहोवा ने मुझ से कहा, मत कह कि मैं लड़का हूँ; क्योंकि जिस किसी के पास मैं तुझे भेजूं वहां तू जाएगा, और जो कुछ मैं तुझे आजा दूं वही तू कहेगा।

यिर्मयाह अध्याय 1

8 तू उनके मुख को देखकर मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है।

9 तब यहोवा ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुंह को छुआ; और यहोवा ने मुझ से कहा, देख, मैं ने अपने वचन तेरे मुंह में डाल दिये हैं।

10 सुन, मैं ने आज के दिन तुझे जातियों और राज्यों पर अधिकारी ठहराया है; उन्हें गिराने और ढा देने के लिये, नाश करने और काट डालने के लिये, या उन्हें बनाने और रोपने के लिये।

यिर्मयाह अध्याय 1

11 और यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे यिर्मयाह, तुझे क्या दिखाई पड़ता है? मैं ने कहा, मुझे बादाम की एक टहनी दिखाई पड़ती है।

12 तब यहोवा ने मुझ से कहा, तुझे ठीक दिखाई पड़ता है, क्योंकि मैं अपने वचन को पूरा करने के लिये जागृत हूँ।

13 फिर यहोवा का वचन दूसरी बार मेरे पास पहंचा, और उसने पूछा, तुझे क्या दिखाई पड़ता है? मैं ने कहा, मुझे उबलता हुआ एक हण्डा दिखाई पड़ता है जिसका मुंह उत्तर दिशा की ओर से है।

यिर्मयाह अध्याय 1

14 तब यहोवा ने मुझ से कहा, इस देश के सब रहने वालों पर उत्तर दिशा से विपत्ति आ पड़ेगी।

15 यहोवा की यह वाणी है, मैं उत्तर दिशा के राज्यों और कुलों को बुलाऊंगा; और वे आकर यरूशलेम के फाटकों में और उसके चारों ओर की शहरपनाह, और यहूदा के और सब नगरों के साम्हने अपना अपना सिंहासन लगाएंगे।

16 और उनकी सारी बुराई के कारण मैं उन पर दण्ड की आज्ञा दूंगा; क्योंकि उन्होंने मुझे त्यागकर दूसरे देवताओं के लिये धूप जलाया और अपनी बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत किया है।

यिर्मयाह अध्याय 1

17 इसलिये तू अपनी कमर कस कर उठ; और जो कुछ कहने की मैं तुझे आज्ञा दूं वही उन से कह। तू उनके मुख को देख कर न घबराना, ऐसा न हो कि मैं तुझे उनके साम्हने घबरा दूं।

18 क्योंकि सुन, मैं ने आज तुझे इस सारे देश और यहूद के राजाओं, हाकिमों, और याजकों और साधारण लोगों के विरुद्ध गढ़वाला नगर, और लोहे का खम्भा, और पीतल की शहरपनाह बनाया है।

19 वे तुझ से लड़ेंगे तो सही, परन्तु तुझ पर प्रबल न होंगे, क्योंकि बचाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है।