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भजन संहिता total 150 अध्याय

भजन संहिता

भजन संहिता अध्याय 136
भजन संहिता अध्याय 136

1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।

2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।

3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है॥

4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचर्यकर्म नहीं करता, उसकी करूणा सदा की है।

5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है।

भजन संहिता अध्याय 136

6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।

7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, उसकी करूणा सदा की है।

8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।

9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।

10 उसने मिस्त्रियों के पहिलौठों को मारा, उसकी करूणा सदा की है॥

भजन संहिता अध्याय 136

11 और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करूणा सदा की है।

12 बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से निकाल लाया, उसकी करूणा सदा की है।

13 उसने लाल समुद्र को खण्ड खण्ड कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।

14 और इस्राएल को उसके बीच से पार कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।

15 और फिरौन को सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करूणा सदा की है।

भजन संहिता अध्याय 136

16 वह अपनी प्रजा को जंगल में ले चला, उसकी करूणा सदा की है।

17 उसने बड़े बड़े राजा मारे, उसकी करूणा सदा की है।

18 उसने प्रतापी राजाओं को भी मारा, उसकी करूणा सदा की है।

19 एमोरियों के राजा सीहोन को, उसकी करूणा सदा की है।

20 और बाशान के राजा ओग को घात किया, उसकी करूणा सदा की है।

भजन संहिता अध्याय 136

21 और उनके देश को भाग होने के लिये, उसकी करूणा सदा की है।

22 अपने दास इस्राएलियों के भाग होने के लिये दे दिया, उसकी करूणा सदा की है।

23 उसने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली, उसकी करूणा सदा की है।

24 और हम को द्रोहियों से छुड़ाया है, उसकी करूणा सदा की है।

25 वह सब प्राणियों को आहार देता है, उसकी करूणा सदा की है।

भजन संहिता अध्याय 136

26 स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।