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भजन संहिता total 150 अध्याय
भजन संहिता
भजन संहिता अध्याय 25
भजन संहिता अध्याय 25
1 हे यहोवा मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूं।
2 हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं।
3 वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे॥
4 हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे।
भजन संहिता अध्याय 25
5 मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं।
6 हे यहोवा अपनी दया और करूणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं।
7 हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर; अपनी करूणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर॥
भजन संहिता अध्याय 25
8 यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
9 वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
10 जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करूणा और सच्चाई हैं॥
11 हे यहोवा अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर॥
भजन संहिता अध्याय 25
12 वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी मार्ग पर जिस से वह प्रसन्न होता है चलाएगा।
13 वह कुशल से टिका रहेगा, और उसका वंश पृथ्वी पर अधिकारी होगा।
14 यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उससे डरते हैं, और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा।
15 मेरी आंखे सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, क्योंकि वही मेरे पांवों को जाल में से छुड़ाएगा॥
भजन संहिता अध्याय 25
16 हे यहोवा मेरी ओर फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर; क्योंकि मैं अकेला और दीन हूं।
17 मेरे हृदय का क्लेश बढ़ गया है, तू मुझ को मेरे दु:खों से छुड़ा ले।
18 तू मेरे दु:ख और कष्ट पर दृष्टि कर, और मेरे सब पापों को क्षमा कर॥
19 मेरे शत्रुओं को देख कि वे कैसे बढ़ गए हैं, और मुझ से बड़ा बैर रखते हैं।
20 मेरे प्राण की रक्षा कर, और मुझे छुड़ा; मुझे लज्जित न होने दे, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं।
भजन संहिता अध्याय 25
21 खराई और सीधाई मुझे सुरक्षित रखें, क्योंकि मुझे तेरे ही आशा है॥
22 हे परमेश्वर इस्राएल को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले॥