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भजन संहिता total 150 अध्याय
भजन संहिता
भजन संहिता अध्याय 69
भजन संहिता अध्याय 69
1 हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूं।
2 मैं बड़े दलदल में धसा जाता हूं, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं।
3 मैं पुकारते पुकारते थक गया, मेरा गला सूख गया है; अपने परमेश्वर की बाट जोहते जोहते, मेरी आंखे रह गई हैं॥
4 जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करने वाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थी हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा है।
भजन संहिता अध्याय 69
5 हे परमेश्वर, तू तो मेरी मूढ़ता को जानता है, और मेरे दोष तुझ से छिपे नहीं हैं॥
6 हे प्रभु, हे सेनाओं के यहोवा, जो तेरी बाट जोहते हैं, उनकी आशा मेरे कारण न टूटे; हे इस्राएल के परमेश्वर, जो तुझे ढूंढते हैं उनका मुंह मेरे कारण काला न हो।
7 तेरे ही कारण मेरी निन्दा हुई है, और मेरा मुंह लज्जा से ढंपा है।
8 मैं अपने भाइयों के साम्हने अजनबी हुआ, और अपने सगे भाइयों की दृष्टि में परदेशी ठहरा हूं॥
भजन संहिता अध्याय 69
9 क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है।
10 जब मैं रोकर और उपवास करके दु:ख उठाता था, तब उससे भी मेरी नामधराई ही हुई।
11 और जब मैं टाट का वस्त्र पहिने था, तब मेरा दृष्टान्त उन में चलता था।
12 फाटक के पास बैठने वाले मेरे विषय बातचीत करते हैं, और मदिरा पीने वाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं।
भजन संहिता अध्याय 69
13 परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करूणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले।
14 मुझ को दलदल में से उबार, कि मैं धंस न जाऊं; मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से बच जाऊं।
15 मैं धारा में डूब न जाऊं, और न मैं गहिरे जल में डूब मरूं, और न पाताल का मुंह मेरे ऊपर बन्द हो॥
भजन संहिता अध्याय 69
16 हे यहोवा, मेरी सुन ले, क्योंकि तेरी करूणा उत्तम है; अपनी दया की बहुतायत के अनुसार मेरी ओर ध्यान दे।
17 अपने दास से अपना मुंह न मोड़; क्योंकि मैं संकट में हूं, फुर्ती से मेरी सुन ले।
18 मेरे निकट आकर मुझे छुड़ा ले, मेरे शत्रुओं से मुझ को छुटकारा दे॥
19 मेरी नामधराई और लज्जा और अनादर को तू जानता है: मेरे सब द्रोही तेरे साम्हने हैं।
भजन संहिता अध्याय 69
20 मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूं। मैं ने किसी तरस खाने वाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देने वाले ढूंढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।
21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥
22 उनका भोजन उनके लिये फन्दा हो जाए; और उनके सुख के समय जाल बन जाए।
भजन संहिता अध्याय 69
23 उनकी आंखों पर अन्धेरा छा जाए, ताकि वे देख न सकें; और तू उनकी कटि को निरन्तर कंपाता रह।
24 उनके ऊपर अपना रोष भड़का, और तेरे क्रोध की आंच उन को लगे।
25 उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डेरों में कोई न रहे।
26 क्योंकि जिस को तू ने मारा, वे उसके पीछे पड़े हैं, और जिन को तू ने घायल किया, वे उनकी पीड़ा की चर्चा करते हैं।
भजन संहिता अध्याय 69
27 उनके अधर्म पर अधर्म बढ़ा; और वे तेरे धर्म को प्राप्त न करें।
28 उनका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जाए, और धर्मियों के संग लिखा न जाए॥
29 परन्तु मैं तो दु:खी और पीड़ित हूं, इसलिये हे परमेश्वर तू मेरा उद्धार करके मुझे ऊंचे स्थान पर बैठा।
30 मैं गीत गाकर तेरे नाम की स्तुति करूंगा, और धन्यवाद करता हुआ तेरी बड़ाई करूंगा।
भजन संहिता अध्याय 69
31 यह यहोवा को बैल से अधिक, वरन सींग और खुर वाले बैल से भी अधिक भाएगा।
32 नम्र लोग इसे देख कर आनन्दित होंगे, हे परमेश्वर के खोजियों तुम्हारा मन हरा हो जाए।
33 क्योंकि यहोवा दरिद्रों की ओर कान लगाता है, और अपने लोगों को जो बन्धुए हैं तुच्छ नहीं जानता॥
34 स्वर्ग और पृथ्वी उसकी स्तुति करें, और समुद्र अपने सब जीव जन्तुओं समेत उसकी स्तुति करे।
भजन संहिता अध्याय 69
35 क्योंकि परमेश्वर सिय्योन का उद्धार करेगा, और यहूदा के नगरों को फिर बसाएगा; और लोग फिर वहां बस कर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
36 उसके दासों को वंश उसको अपने भाग में पाएगा, और उसके नाम के प्रेमी उस में वास करेंगे॥