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व्यवस्थाविवरण total 34 अध्याय
व्यवस्थाविवरण
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
1 {परमेश्वर का स्मरण करना } “जो-जो आज्ञा मैं आज तुझे सुनाता हूँ उन सभी पर चलने की चौकसी करना, इसलिए कि तुम जीवित रहो और बढ़ते रहो, और जिस देश के विषय में यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाई है उसमें जाकर उसके अधिकारी हो जाओ।
2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिए ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या-क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा या नहीं।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
3 उसने तुझको नम्र बनाया, और भूखा भी होने दिया, फिर वह मन्ना, जिसे न तू और न तेरे पुरखा भी जानते थे, वही तुझको खिलाया; इसलिए कि वह तुझको सिखाए कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं जीवित रहता, परन्तु जो-जो वचन यहोवा के मुँह से निकलते हैं उन ही से वह जीवित रहता है। (मत्ती 4:4, लूका 4:4 1 कुरि. 10:3)
4 इन चालीस वर्षों में तेरे वस्त्र पुराने न हुए, और तेरे तन से भी नहीं गिरे, और न तेरे पाँव फूले।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
5 फिर अपने मन में यह तो विचार कर, कि जैसा कोई अपने बेटे को ताड़ना देता है वैसे ही तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको ताड़ना देता है। (इब्रा. 12:7)
6 इसलिए अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करते हुए उसके मार्गों पर चलना, और उसका भय मानते रहना।
7 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है*, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहरे-गहरे सोतों का देश है।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
8 फिर वह गेहूँ, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनारों का देश है; और तेलवाली जैतून और मधु का भी देश है।
9 उस देश में अन्न की महँगी न होगी, और न उसमें तुझे किसी पदार्थ की घटी होगी; वहाँ के पत्थर लोहे के हैं, और वहाँ के पहाड़ों में से तू तांबा खोदकर निकाल सकेगा।
10 और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसे धन्य मानेगा।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
11 {परमेश्वर के कार्यों को ना भूलना } “इसलिए सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो-जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूँ उनका मानना छोड़ दे;
12 ऐसा न हो कि जब तू खाकर तृप्त हो, और अच्छे-अच्छे घर बनाकर उनमें रहने लगे,
13 और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चाँदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए,
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
14 तब तेरे मन में अहंकार समा जाए, और तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूल जाए, जो तुझको दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है,
15 और उस बड़े और भयानक जंगल में से ले आया है, जहाँ तेज विषवाले सर्प और बिच्छू हैं, और जलरहित सूखे देश में उसने तेरे लिये चकमक की चट्टान से जल निकाला,
16 और तुझे जंगल में मन्ना खिलाया, जिसे तुम्हारे पुरखा जानते भी न थे, इसलिए कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके अन्त में तेरा भला ही करे*।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
17 और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई।
18 परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पत्ति प्राप्त करने की सामर्थ्य इसलिए देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बाँधी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है।
19 यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर दूसरे देवताओं के पीछे हो लेगा, और उनकी उपासना और उनको दण्डवत् करेगा, तो मैं आज तुमको चिता देता हूँ कि तुम निःसन्देह नष्ट हो जाओगे।
व्यवस्थाविवरण अध्याय 8
20 जिन जातियों को यहोवा तुम्हारे सम्मुख से नष्ट करने पर है, उन्हीं के समान तुम भी अपने परमेश्वर यहोवा का वचन न मानने के कारण नष्ट हो जाओगे।