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होशे total 14 अध्याय

होशे

होशे अध्याय 12
होशे अध्याय 12

1 {यहूदा के पाप पर परमेश्‍वर का क्रोध } एप्रैम पानी पीटता और पुरवाई का पीछा करता रहता है; वह लगातार झूठ और उत्पात को बढ़ाता रहता है; वे अश्शूर के साथ वाचा बाँधते और मिस्र में तेल भेजते हैं।

2 यहूदा के साथ भी यहोवा का मुकद्दमा है, और वह याकूब को उसके चालचलन के अनुसार दण्ड देगा; उसके कामों के अनुसार वह उसको बदला देगा।

3 अपनी माता की कोख ही में उसने अपने भाई को अड़ंगा मारा, और बड़ा होकर वह परमेश्‍वर के साथ लड़ा।

होशे अध्याय 12

4 वह दूत से लड़ा, और जीत भी गया, वह रोया और उसने गिड़गिड़ाकर विनती की। बेतेल में वह उसको मिला, और वहीं उसने हम से बातें की।

5 यहोवा, सेनाओं का परमेश्‍वर, जिसका स्मरण यहोवा नाम से होता है।

6 इसलिए तू अपने परमेश्‍वर की ओर फिर; कृपा और न्याय के काम करता रह, और अपने परमेश्‍वर की बाट निरन्तर जोहता रह।

7 वह व्यापारी है, और उसके हाथ में छल का तराजू है; अंधेर करना ही उसको भाता है।

होशे अध्याय 12

8 एप्रैम कहता है, “मैं धनी हो गया, मैंने सम्पत्ति प्राप्त की है; मेरे किसी काम में ऐसा अधर्म नहीं पाया गया जिससे पाप लगे।” (प्रका. 3:17)

9 मैं यहोवा, मिस्र देश ही से तेरा परमेश्‍वर हूँ*; मैं फिर तुझे तम्बुओं में ऐसा बसाऊँगा जैसा नियत पर्व के दिनों में हुआ करता है।

10 मैंने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें की, और बार-बार दर्शन देता रहा; और भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा दृष्टान्त कहता आया हूँ।

होशे अध्याय 12

11 क्या गिलाद कुकर्मी नहीं? वे पूरे छली हो गए हैं। गिलगाल में बैल बलि किए जाते हैं, वरन् उनकी वेदियाँ उन ढेरों के समान हैं जो खेत की रेघारियों के पास हों।

12 याकूब अराम के मैदान में भाग गया था; वहाँ इस्राएल ने एक पत्‍नी के लिये सेवा की, और पत्‍नी के लिये वह चरवाही करता था।

13 एक भविष्यद्वक्ता के द्वारा यहोवा इस्राएल को मिस्र से निकाल ले आया, और भविष्यद्वक्ता ही के द्वारा उसकी रक्षा हुई।

होशे अध्याय 12

14 एप्रैम ने अत्यन्त रिस दिलाई है; इसलिए उसका किया हुआ खून उसी के ऊपर बना रहेगा, और उसने अपने परमेश्‍वर के नाम में जो बट्टा लगाया है, वह उसी को लौटाया जाएगा।