Hindi बाइबिल

अय्यूब total 42 अध्याय

अय्यूब

अय्यूब अध्याय 22
अय्यूब अध्याय 22

एलीपज का वचन 1

2 तब तेमानी एलीपज ने कहा, “क्या मनुष्य से परमेश्‍वर को लाभ पहुँच सकता है? जो बुद्धिमान है, वह स्वयं के लिए लाभदायक है।

3 क्या तेरे धर्मी होने से सर्वशक्तिमान सुख पा सकता है*? तेरी चाल की खराई से क्या उसे कुछ लाभ हो सकता है?

अय्यूब अध्याय 22

4 वह तो तुझे डाँटता है, और तुझ से मुकद्दमा लड़ता है, तो क्या इस दशा में तेरी भक्ति हो सकती है?

5 क्या तेरी बुराई बहुत नहीं? तेरे अधर्म के कामों का कुछ अन्त नहीं।

6 तूने तो अपने भाई का बन्धक अकारण रख लिया है, और नंगे के वस्त्र उतार लिये हैं।

अय्यूब अध्याय 22

7 थके हुए को तूने पानी न पिलाया, और भूखे को रोटी देने से इन्कार किया।

8 जो बलवान था उसी को भूमि मिली, और जिस पुरुष की प्रतिष्ठा हुई थी, वही उसमें बस गया।

9 तूने विधवाओं को खाली हाथ लौटा दिया*। और अनाथों की बाहें तोड़ डाली गई।

अय्यूब अध्याय 22

10 इस कारण तेरे चारों ओर फंदे लगे हैं, और अचानक डर के मारे तू घबरा रहा है।

11 क्या तू अंधियारे को नहीं देखता, और उस बाढ़ को जिसमें तू डूब रहा है?

12 “क्या परमेश्‍वर स्वर्ग के ऊँचे स्थान में नहीं है? ऊँचे से ऊँचे तारों को देख कि वे कितने ऊँचे हैं।

अय्यूब अध्याय 22

13 फिर तू कहता है, 'परमेश्‍वर क्या जानता है? क्या वह घोर अंधकार की आड़ में होकर न्याय करेगा?

14 काली घटाओं से वह ऐसा छिपा रहता है कि वह कुछ नहीं देख सकता, वह तो आकाशमण्डल ही के ऊपर चलता फिरता है।'

15 क्या तू उस पुराने रास्ते को पकड़े रहेगा, जिस पर वे अनर्थ करनेवाले चलते हैं?

अय्यूब अध्याय 22

16 वे अपने समय से पहले उठा लिए गए और उनके घर की नींव नदी बहा ले गई।

17 उन्होंने परमेश्‍वर से कहा था, 'हम से दूर हो जा;' और यह कि 'सर्वशक्तिमान हमारा क्या कर सकता है?'

18 तो भी उसने उनके घर अच्छे-अच्छे पदार्थों से भर दिए परन्तु दुष्ट लोगों का विचार मुझसे दूर रहे।

अय्यूब अध्याय 22

19 धर्मी लोग देखकर आनन्दित होते हैं; और निर्दोष लोग उनकी हँसी करते हैं, कि

20 'जो हमारे विरुद्ध उठे थे, निःसन्देह मिट गए और उनका बड़ा धन आग का कौर हो गया है।'

21 “परमेश्‍वर से मेलमिलाप कर* तब तुझे शान्ति मिलेगी; और इससे तेरी भलाई होगी।

अय्यूब अध्याय 22

22 उसके मुँह से शिक्षा सुन ले, और उसके वचन अपने मन में रख।

23 यदि तू सर्वशक्तिमान की ओर फिरके समीप जाए, और अपने डेरे से कुटिल काम दूर करे, तो तू बन जाएगा।

24 तू अपनी अनमोल वस्तुओं को धूलि पर, वरन् ओपीर का कुन्दन भी नालों के पत्थरों में डाल दे,

अय्यूब अध्याय 22

25 तब सर्वशक्तिमान आप तेरी अनमोल वस्तु और तेरे लिये चमकीली चाँदी होगा।

26 तब तू सर्वशक्तिमान से सुख पाएगा, और परमेश्‍वर की ओर अपना मुँह बेखटके उठा सकेगा।

27 और तू उससे प्रार्थना करेगा, और वह तेरी सुनेगा; और तू अपनी मन्नतों को पूरी करेगा।

अय्यूब अध्याय 22

28 जो बात तू ठाने वह तुझ से बन भी पड़ेगी, और तेरे मार्गों पर प्रकाश रहेगा।

29 चाहे दुर्भाग्य हो तो भी तू कहेगा कि सौभाग्य होगा, क्योंकि वह नम्र मनुष्य को बचाता है। (मत्ती 23:12,1 पत. 5:6, नीति. 29:23)

30 वरन् जो निर्दोष न हो उसको भी वह बचाता है; तेरे शुद्ध कामों के कारण तू छुड़ाया जाएगा।”