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भजन संहिता total 150 अध्याय
भजन संहिता
भजन संहिता अध्याय 118
भजन संहिता अध्याय 118
विजय के लिये धन्यवाद 1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!
2 इस्राएल कहे, उसकी करुणा सदा की है।
3 हारून का घराना कहे, उसकी करुणा सदा की है।
4 यहोवा के डरवैये कहे, उसकी करुणा सदा की है।
भजन संहिता अध्याय 118
5 मैंने सकेती में परमेश्वर को पुकारा*, परमेश्वर ने मेरी सुनकर, मुझे चौड़े स्थान में पहुँचाया।
6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूँगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? (रोम. 8:31, इब्रा 13:6)
7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायक है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूँगा।
भजन संहिता अध्याय 118
8 यहोवा की शरण लेना, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
9 यहोवा की शरण लेना, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, निःसन्देह, उन्होंने मुझे घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
भजन संहिता अध्याय 118
12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु काँटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा!
13 तूने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पड़ूँ, परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की।
14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।
भजन संहिता अध्याय 118
15 धर्मियों के तम्बुओं में जयजयकार और उद्धार की ध्वनि हो रही है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है,
16 यहोवा का दाहिना हाथ महान हुआ है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है!
17 मैं न मरूँगा वरन् जीवित रहूँगा*, और परमेश्वर के कामों का वर्णन करता रहूँगा।
भजन संहिता अध्याय 118
18 परमेश्वर ने मेरी बड़ी ताड़ना तो की है परन्तु मुझे मृत्यु के वश में नहीं किया। (2 कुरि. 6:9, इब्रा. 12:10-11)
19 मेरे लिये धर्म के द्वार खोलो, मैं उनमें प्रवेश करके यहोवा का धन्यवाद करूँगा।
20 यहोवा का द्वार यही है, इससे धर्मी प्रवेश करने पाएँगे। (यूह. 10:9)
भजन संहिता अध्याय 118
21 हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, क्योंकि तूने मेरी सुन ली है, और मेरा उद्धार ठहर गया है।
22 राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है। (1 पत. 2:4, लूका 20:17)
23 यह तो यहोवा की ओर से हुआ है, यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
भजन संहिता अध्याय 118
24 आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इसमें मगन और आनन्दित हों।
25 हे यहोवा, विनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, विनती सुन, सफलता दे!
26 धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हमने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है। (मत्ती 23:39, लूका 13:35, मर. 11:9-10 लूका 19:38)
भजन संहिता अध्याय 118
27 यहोवा परमेश्वर है, और उसने हमको प्रकाश दिया है। यज्ञपशु को वेदी के सींगों से रस्सियों से बाँधो!
28 हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा; तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझको सराहूँगा।
29 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा बनी रहेगी!