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भजन संहिता total 150 अध्याय

भजन संहिता

भजन संहिता अध्याय 5
भजन संहिता अध्याय 5

मार्गदर्शन की प्रार्थना 1 *प्रधान बजानेवाले के लिये: बांसुरियों के साथ, दाऊद का भजन *हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा; मेरे कराहने की ओर ध्यान लगा।

2 हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्‍वर, मेरी दुहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूँ।

भजन संहिता अध्याय 5

3 हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूँगा।

4 क्योंकि तू ऐसा परमेश्‍वर है, जो दुष्टता से प्रसन्‍न नहीं होता; बुरे लोग तेरे साथ नहीं रह सकते।

5 घमण्डी तेरे सम्मुख खड़े होने न पाएँगे; तुझे सब अनर्थकारियों से घृणा है।

भजन संहिता अध्याय 5

6 तू उनको जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है*।

7 परन्तु मैं तो तेरी अपार करुणा के कारण तेरे भवन में आऊँगा, मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूँगा।

8 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्म के मार्ग में मेरी अगुआई कर; मेरे आगे-आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा।

भजन संहिता अध्याय 5

9 क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है*, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। (रोम. 3:13)

10 हे परमेश्‍वर तू उनको दोषी ठहरा; वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएँ; उनको उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है।

भजन संहिता अध्याय 5

11 परन्तु जितने तुझ में शरण लेते हैं वे सब आनन्द करें, वे सर्वदा ऊँचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों।

12 क्योंकि तू धर्मी को आशीष देगा; हे यहोवा, तू उसको ढाल के समान अपनी कृपा से घेरे रहेगा।