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भजन संहिता total 150 अध्याय
भजन संहिता
भजन संहिता अध्याय 85
भजन संहिता अध्याय 85
राष्ट्र के कल्याण के लिए प्रार्थना 1 *प्रधान बजानेवालों के लिये : कोरहवंशियों का भजन *हे यहोवा, तू अपने देश पर प्रसन्न हुआ, याकूब को बँधुवाई से लौटा ले आया है।
2 तूने अपनी प्रजा के अधर्म को क्षमा किया है; और उसके सब पापों को ढाँप दिया है। (सेला)
भजन संहिता अध्याय 85
3 तूने अपने रोष को शान्त किया है; और अपने भड़के हुए कोप को दूर किया है।
4 हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हमको पुनः स्थापित कर, और अपना क्रोध हम पर से दूर कर*!
5 क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा? क्या तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहेगा?
भजन संहिता अध्याय 85
6 क्या तू हमको फिर न जिलाएगा, कि तेरी प्रजा तुझ में आनन्द करे?
7 हे यहोवा अपनी करुणा हमें दिखा, और तू हमारा उद्धार कर।
8 मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें।
भजन संहिता अध्याय 85
9 निश्चय उसके डरवैयों के उद्धार का समय निकट है*, तब हमारे देश में महिमा का निवास होगा।
10 करुणा और सच्चाई आपस में मिल गई हैं; धर्म और मेल ने आपस में चुम्बन किया हैं।
11 पृथ्वी में से सच्चाई उगती और स्वर्ग से धर्म झुकता है।
भजन संहिता अध्याय 85
12 हाँ, यहोवा उत्तम वस्तुएँ देगा, और हमारी भूमि अपनी उपज देगी।
13 धर्म उसके आगे-आगे चलेगा, और उसके पाँवों के चिन्हों को हमारे लिये मार्ग बनाएगा।