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निर्गमन total 40 अध्याय

निर्गमन

निर्गमन अध्याय 24
निर्गमन अध्याय 24

वाचा की पुष्टि 1 फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “तुम और अहरोन, नादाब, अबीहू और इस्राएल के सत्तर अगुए याहवेह के पास ऊपर आकर दूर से याहवेह को दंडवत करना.

2 केवल मोशेह ही याहवेह के पास जायेंगे और कोई नहीं. अन्य लोगों में से कोई भी पास नहीं आये, अन्य कोई जन उनके साथ ऊपर न आये.”

3 मोशेह नीचे उतर आए तथा जब उन्होंने लोगों को याहवेह द्वारा कही सब बातें बताई तब सबने एक साथ कहा कि याहवेह की कही सब बातों के अनुसार ही हम करेंगे.

निर्गमन अध्याय 24

4 तब मोशेह ने याहवेह की कही सब बातों को लिख लिया. मोशेह ने सुबह जल्दी उठकर पर्वत के नीचे एक वेदी बनाई, और इस्राएल के बारह गोत्रों के अनुसार बारह खंभे भी खड़े किए.

5 उन्होंने इस्राएलियों में से जवानों को भेजा और उन्होंने याहवेह के लिए होमबलि तथा मेल बलि चढ़ाई.

6 मोशेह ने आधा रक्त बर्तन में रखा और आधा वेदी पर छिड़क दिया.

निर्गमन अध्याय 24

7 फिर मोशेह ने वाचा की किताब लेकर सबको पढ़कर सुनाया. उसे सुनकर लोगों ने कहा “हम याहवेह की सब बात मानेंगे और उनके साथ चलेंगे!”

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9 तब मोशेह ने रक्त लेकर लोगों पर छिड़का और कहा, “यह उस वाचा का रक्त है, जो तुम्हारे साथ याहवेह ने बांधी हैं.” फिर मोशेह, अहरोन, नादाब तथा अबीहू और इस्राएल के सत्तर अगुओं को साथ लेकर ऊपर गए.

निर्गमन अध्याय 24

10 वहां उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर का दर्शन किया. उनके पांव के नीचे आकाश के जैसा साफ़ नीलमणि था.

11 परमेश्वर ने उन लोगों पर अपना हाथ नहीं बढ़ाया. उन्होंने परमेश्वर को देखा और खाया पिया.

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13 याहवेह ने मोशेह से कहा, “तुम यहां पर्वत के ऊपर मेरे पास आओ और, मैं तुम्हें मेरे नियम लिखी हुई पट्टिया दूंगा, उसे लेकर तुम इन सबको सिखाना.” तब मोशेह यहोशू को साथ लेकर परमेश्वर के पर्वत पर गए.

निर्गमन अध्याय 24

14 किंतु मोशेह ने अगुओं से कहा, “तुम लोग हमारे वापस आने तक यहीं रहना. अहरोन तथा हूर यहां तुम्हारे साथ हैं. यदि कोई विवाद हो तो उनको बताना.”

15 यह कहकर मोशेह पर्वत पर चले गए और बादल ने पर्वत को ढक दिया.

16 सीनायी पर्वत पर याहवेह का प्रकाश छा गया. छः दिन तक बादल उस पर्वत को ढके रहा. सातवें दिन याहवेह ने बादलों के बीच से मोशेह को बुलाया.

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17 इस्राएलियों को याहवेह का प्रकाश, पर्वत पर भस्म करनेवाली आग के समान दिख रहा था.

18 मोशेह पर्वत पर बादलों के बीच से होते हुए चढ़ गए और चालीस दिन और चालीस रात वहां रहे.