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गलातियों total 6 अध्याय

गलातियों

गलातियों अध्याय 1
गलातियों अध्याय 1

1 यह पत्र पौलॉस की ओर से है, जिसे न तो मनुष्यों की ओर से और न ही किसी मनुष्य की प्रक्रिया द्वारा परंतु मसीह येशु और पिता परमेश्वर द्वारा, जिन्होंने मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित किया, प्रेरित चुना गया,

2 तथा उन भाई बहनों की ओर से, जो इस समय मेरे साथ हैं, गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं के नाम में:

गलातियों अध्याय 1

3 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शांति प्राप्‍त हो.

4 मसीह येशु, जिन्होंने हमारे पापों के कारण स्वयं को इसलिये बलिदान कर दिया कि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छानुसार वह हमें वर्तमान बुरे संसार से छुड़ायें,

5 उन्हीं की महिमा हमेशा होती रहे. आमेन.

एक चेतावनी 6 मैं यह जानकर चकित हूं कि तुम परमेश्वर से, जिन्होंने मसीह के अनुग्रह के द्वारा तुम्हें बुलाया, इतनी जल्दी भटक कर एक अन्य ईश्वरीय सुसमाचार की ओर फिर गये हो

गलातियों अध्याय 1

7 पर वह दूसरा सुसमाचार जो वास्तव में ईश्वरीय सुसमाचार है ही नहीं! साफ़ तौर पर कुछ लोग हैं, जो मसीह के ईश्वरीय सुसमाचार को बिगाड़कर तुम्हें घबरा देना चाहते हैं.

8 किंतु यदि हम या कोई स्वर्गदूत तक उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया है, किसी भिन्‍न ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करे तो वह शापित है!

9 जैसा हमने पहले भी कहा, मैं अब दोबारा कहता हूं: कि उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया, यदि कोई व्यक्ति तुम्हें अलग ईश्वरीय सुसमाचार सुनाए तो वह शापित है!

गलातियों अध्याय 1

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11 किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूं मैं—मनुष्यों का या परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्‍न करने के लिए प्रयास कर रहा हूं? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्‍न कर रहा होता तो मसीह का दास न होता. पौलॉस का परमेश्वर द्वारा बुलाया जाना प्रिय भाई बहनो, मैं तुम पर यह स्पष्ट कर रहा हूं कि जो ईश्वरीय सुसमाचार मैंने तुम्हें सुनाया, वह किसी मनुष्य के दिमाग की उपज नहीं है.

गलातियों अध्याय 1

12 यह मुझे न तो किसी मनुष्य से और न ही किसी शिक्षा से, परंतु स्वयं मसीह येशु के प्रकाशन के द्वारा प्राप्‍त हुआ है.

13 यहूदी मत के शिष्य के रूप में मेरी जीवनशैली कैसी थी, इसके विषय में तुम सुन चुके हो. मैं किस रीति से परमेश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार किया करता था तथा उसे नाश करने के लिए प्रयास करता रहता था.

14 यहूदी मत में अपने पूर्वजों की परंपराओं के प्रति अत्यंत उत्साही, मैं अपनी आयु के यहूदियों से अधिक उन्‍नत होता जा रहा था.

गलातियों अध्याय 1

15 किंतु परमेश्वर को, जिन्होंने माता के गर्भ से ही मुझे चुन लिया तथा अपने अनुग्रह के द्वारा मुझे बुलाया, यह सही लगा

16 कि वह मुझमें अपने पुत्र को प्रकट करें कि मैं गैर-यहूदियों में उनका प्रचार करूं, इसके विषय में मैंने तुरंत न तो किसी व्यक्ति से सलाह ली

17 और न ही मैं येरूशलेम में उनके पास गया, जो मुझसे पहले प्रेरित चुने जा चुके थे, परंतु मैं अराबिया क्षेत्र में चला गया और वहां से दोबारा दमिश्क नगर लौट गया.

गलातियों अध्याय 1

18 तीन वर्ष बाद, मैं कैफ़स से भेंट करने येरूशलेम गया और उनके साथ पन्द्रह दिन रहा.

19 किंतु प्रभु के भाई याकोब के अलावा अन्य किसी प्रेरित से मेरी भेंट नहीं हुई.

20 परमेश्वर के सामने मैं तुम्हें धीरज देता हूं कि अपने इस विवरण में मैं कुछ भी झूठ नहीं कह रहा.

21 तब मैं सीरिया और किलिकिया प्रदेश के क्षेत्रों में गया.

गलातियों अध्याय 1

22 यहूदिया प्रदेश की कलीसियाओं से, जो अब मसीह में हैं, मैं अब तक व्यक्तिगत रूप से अपरिचित था.

23 मेरे विषय में उन्होंने केवल यही सुना था: “एक समय जो हमारा सतानेवाला था, अब वही उस विश्वास का प्रचार कर रहा है, जिसे नष्ट करने के लिए वह दृढ़ संकल्प था.”

24 उनके लिए मैं परमेश्वर की महिमा का विषय हो गया.