पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यिर्मयाह
1. और यहोयाकीम के पुत्रा कोन्याह के स्थान पर योशिरयाह का पुत्रा सिदकिरयाह राज्य करने लगा, क्योंकि बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसी को यहूदा देश में राजा ठहराया था।
2. परन्तु न तो उस ने, न उसके कर्मचारियों ने, और न साधारण लोगों ने यहोवा के वचनों को माना जो उस ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था।
3. सिदकिरयाह राजा ने शेलेम्याह के पुत्रा यहूकल ओर मासेयाह के पुत्रा समन्याह याजक को यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास यह कहला भेजा, कि, हमारे निमित्त हमारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर।
4. उस समय यिर्मयाह बन्दीगृह में न डाला गया था, ओर लोगों के बीच आया जाया करता था।
5. उस समय फिरौन की सेना चढ़ाई के लिये मिस्र से निकली; तब कसदी जो यरूशलेम को घेरे हुए थे, उसका समाचार सुनकर यरूश्लेम के पास से चले गए।
6. तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास पहुंचा,
7. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यहुदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उस से यों कहो, कि देख, फिरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
8. और कसदी फिर वापिस आकर इस नगर से लड़ेंगे; वे इसको ले लेंगे और फूंक देंगे।
9. यहोवा यों कहता है, यह कहकर तुम अपने अपने मन में धोखा न खाओ कि कसदी हमारे पास से निश्चय चले गए हैं; क्योंकि वे नहीं चले गए।
10. क्योंकि यदि तुम ने कसदियों की सारी सेना को जो तुम से लड़ती है, ऐसा मार भी लिया होता कि उन में से केवल घायल लोग रह जाते, तौभी वे अपने अपने तम्बू में से उठकर इस नगर को फूंक देते।
11. जब कसदियों की सेना फिरौन की सेना के डर के मारे यरूशलेम के पास से कूच कर गई,
12. तब यिर्मयाह यरूशलेम से निकलकर बिन्यामीन के देश की ओर इसलिये जा निकला कि वहां से और लोगों के संग अपना अंश ले।
13. जब वह बिन्यामीन के फाटक में पहुंचा, तब यिरिरयाह नामक पहरूओं का एक सरदार वहां था जो शेलेम्याह का पुत्रा और हनन्याह का पोता था, और उस ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को यह कहकर पकड़ लिया, तू कसदियों के पास भागा जाता है।
14. तब निर्मयाह ने कहा, यह झूठ है; मैं कसदियों के पास नहीं भागा जाता हूँ। परन्तु यिरिरयाह ने उसकी एक न मुनी, सो वह उसे पकड़कर हाकिमों के पास ले गया।
15. तब हाकिमों ने यिर्मयाह से क्रोधित होकर उसे पिटवाया, और योनातान प्रधान के घर में बन्दी बनाकर डलवा दिया; क्योंकि उन्हों ने उसको साधारण बन्दीगृह बना दिया था।
16. यिर्मयाह उस तलघर में जिस में कई एक कोठरियां थीं, रहने लगा।
17. उसके बहुत दिन बीतने पर सिदकिरयाह राजा ने उसको बुलवा भेजा, और अपने भवन में उस से छिपकर यह प्रश्न किया, क्या यहोवा की ओर से कोई वचन पइुंचा है? यिर्मयाह ने कहा, हां, पहुंचा है। वह यह है, कि तू बाबुल के राजा के वश में कर दिया जाएगा।
18. फिर यिर्मयाह ने सिदकिरयाह राजा से कहा, मैं ने तेरा, तेरे कर्मचारियों का, व तेरी प्रजा का क्या अपराध किया है, कि तुम लोगों ने मुझ को बन्दीगृह में डलवाया है?
19. तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता तुम से भविष्यद्वाणी करके कहा करते थे कि बाबुल का राजा तुम पर और इस देश पर चढ़ाई नहीं करेगा, वे अब कहां है?
20. अब, हे मेरे पुभु, हे राजा, मेरी प्रार्थना ग्रहण कर कि मुझे योनातान प्रधान के घर में फिर न भेज, नहीं तो मैं वहां मर जाऊंगा।
21. तब सिदकिरयाह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आंगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी न चुक गई, तब तक उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। ओर यिर्मयाह पहरे के आंगन में रहने लगा।

Notes

No Verse Added

Total 52 Chapters, Current Chapter 37 of Total Chapters 52
यिर्मयाह 37:1
1. और यहोयाकीम के पुत्रा कोन्याह के स्थान पर योशिरयाह का पुत्रा सिदकिरयाह राज्य करने लगा, क्योंकि बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसी को यहूदा देश में राजा ठहराया था।
2. परन्तु तो उस ने, उसके कर्मचारियों ने, और साधारण लोगों ने यहोवा के वचनों को माना जो उस ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था।
3. सिदकिरयाह राजा ने शेलेम्याह के पुत्रा यहूकल ओर मासेयाह के पुत्रा समन्याह याजक को यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास यह कहला भेजा, कि, हमारे निमित्त हमारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर।
4. उस समय यिर्मयाह बन्दीगृह में डाला गया था, ओर लोगों के बीच आया जाया करता था।
5. उस समय फिरौन की सेना चढ़ाई के लिये मिस्र से निकली; तब कसदी जो यरूशलेम को घेरे हुए थे, उसका समाचार सुनकर यरूश्लेम के पास से चले गए।
6. तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास पहुंचा,
7. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यहुदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उस से यों कहो, कि देख, फिरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
8. और कसदी फिर वापिस आकर इस नगर से लड़ेंगे; वे इसको ले लेंगे और फूंक देंगे।
9. यहोवा यों कहता है, यह कहकर तुम अपने अपने मन में धोखा खाओ कि कसदी हमारे पास से निश्चय चले गए हैं; क्योंकि वे नहीं चले गए।
10. क्योंकि यदि तुम ने कसदियों की सारी सेना को जो तुम से लड़ती है, ऐसा मार भी लिया होता कि उन में से केवल घायल लोग रह जाते, तौभी वे अपने अपने तम्बू में से उठकर इस नगर को फूंक देते।
11. जब कसदियों की सेना फिरौन की सेना के डर के मारे यरूशलेम के पास से कूच कर गई,
12. तब यिर्मयाह यरूशलेम से निकलकर बिन्यामीन के देश की ओर इसलिये जा निकला कि वहां से और लोगों के संग अपना अंश ले।
13. जब वह बिन्यामीन के फाटक में पहुंचा, तब यिरिरयाह नामक पहरूओं का एक सरदार वहां था जो शेलेम्याह का पुत्रा और हनन्याह का पोता था, और उस ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को यह कहकर पकड़ लिया, तू कसदियों के पास भागा जाता है।
14. तब निर्मयाह ने कहा, यह झूठ है; मैं कसदियों के पास नहीं भागा जाता हूँ। परन्तु यिरिरयाह ने उसकी एक मुनी, सो वह उसे पकड़कर हाकिमों के पास ले गया।
15. तब हाकिमों ने यिर्मयाह से क्रोधित होकर उसे पिटवाया, और योनातान प्रधान के घर में बन्दी बनाकर डलवा दिया; क्योंकि उन्हों ने उसको साधारण बन्दीगृह बना दिया था।
16. यिर्मयाह उस तलघर में जिस में कई एक कोठरियां थीं, रहने लगा।
17. उसके बहुत दिन बीतने पर सिदकिरयाह राजा ने उसको बुलवा भेजा, और अपने भवन में उस से छिपकर यह प्रश्न किया, क्या यहोवा की ओर से कोई वचन पइुंचा है? यिर्मयाह ने कहा, हां, पहुंचा है। वह यह है, कि तू बाबुल के राजा के वश में कर दिया जाएगा।
18. फिर यिर्मयाह ने सिदकिरयाह राजा से कहा, मैं ने तेरा, तेरे कर्मचारियों का, तेरी प्रजा का क्या अपराध किया है, कि तुम लोगों ने मुझ को बन्दीगृह में डलवाया है?
19. तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता तुम से भविष्यद्वाणी करके कहा करते थे कि बाबुल का राजा तुम पर और इस देश पर चढ़ाई नहीं करेगा, वे अब कहां है?
20. अब, हे मेरे पुभु, हे राजा, मेरी प्रार्थना ग्रहण कर कि मुझे योनातान प्रधान के घर में फिर भेज, नहीं तो मैं वहां मर जाऊंगा।
21. तब सिदकिरयाह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आंगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी चुक गई, तब तक उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। ओर यिर्मयाह पहरे के आंगन में रहने लगा।
Total 52 Chapters, Current Chapter 37 of Total Chapters 52
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References