1. {दुष्ट द्वारा उत्पीड़न और परमेश्वर द्वारा स्थिर } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये खर्ज की राग में दाऊद का भजन *[PE][PBR]हे यहोवा बचा ले, क्योंकि एक भी भक्त नहीं रहा; [QE][QS]मनुष्यों में से विश्वासयोग्य लोग लुप्त हो गए हैं। [QE]
2. [QS]प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; [QE][QS]वे चापलूसी के होंठों से दो रंगी बातें करते हैं। [QE]
3. [QS]यहोवा सब चापलूस होंठों को [QE][QS]और उस जीभ को जिससे बड़ा बोल निकलता है* काट डालेगा। [QE]
4. [QS]वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, [QE][QS]हमारे होंठ हमारे ही वश में हैं; हम पर कौन शासन कर सकेगा?” [QE]
5. [QS]दीन लोगों के लुट जाने, और दरिद्रों के कराहने के कारण, [QE][QS]यहोवा कहता है, “अब मैं उठूँगा, जिस पर [QE][QS]वे फुँकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूँगा।” [QE]
6. [QS]यहोवा का वचन पवित्र है, [QE][QS]उस चाँदी के समान जो भट्ठी में मिट्टी पर ताई गई, [QE][QS]और सात बार निर्मल की गई हो*। [QE]
7. [QS]तू ही हे यहोवा उनकी रक्षा करेगा, [QE][QS]उनको इस काल के लोगों से सर्वदा के लिये बचाए रखेगा। [QE]
8. [QS]जब मनुष्यों में बुराई का आदर होता है, [QE][QS]तब दुष्ट लोग चारों ओर अकड़ते फिरते हैं। [QE]