पवित्र बाइबिल

बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया (BSI)
भजन संहिता
1. मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकर मेरे प्राण से कह सकते हो कि पक्षी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा?
2. क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मन वालों पर अन्धियारे में तीर चलाएं।
3. यदि नेवें ढ़ा दी जाएं तो धर्मी क्या कर सकता है?
4. परमेश्वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आंखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उन को जांचती हैं।
5. यहोवा धर्मी को परखता है, परन्तु वह उन से जो दुष्ट हैं और उपद्रव से प्रीति रखते हैं अपनी आत्मा में घृणा करता है।
6. वह दुष्टों पर फन्दे बरसाएगा; आग और गन्धक और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बांट दी जाएंगी।
7. क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म के ही कामों से प्रसन्न रहता है; धर्मी जन उसका दर्शन पाएंगे॥
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 11 / 150
1 मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकर मेरे प्राण से कह सकते हो कि पक्षी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा? 2 क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मन वालों पर अन्धियारे में तीर चलाएं। 3 यदि नेवें ढ़ा दी जाएं तो धर्मी क्या कर सकता है? 4 परमेश्वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आंखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उन को जांचती हैं। 5 यहोवा धर्मी को परखता है, परन्तु वह उन से जो दुष्ट हैं और उपद्रव से प्रीति रखते हैं अपनी आत्मा में घृणा करता है। 6 वह दुष्टों पर फन्दे बरसाएगा; आग और गन्धक और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बांट दी जाएंगी। 7 क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म के ही कामों से प्रसन्न रहता है; धर्मी जन उसका दर्शन पाएंगे॥
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