पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
1 राजा
1. {#1शीबा की रानी की भेंट यात्रा } [PS]जब शीबा की रानी ने याहवेह के नाम के कारण शलोमोन को मिली ख्याति सुनी, वह कठिन प्रश्नों से उन्हें परखने के लिए आईं.
2. जब वह येरूशलेम पहुंची, उनके साथ एक बड़ा कर्मचारी दल, ऊंटों पर मसाले और बड़ी मात्रा में सोना और कीमती पत्थर थे. जब उनकी भेंट शलोमोन से हुई, उन्होंने शलोमोन के सामने वह सब कह डाला, जो उनके मन में था.
3. शलोमोन ने उनके सभी सवालों के जवाब दिए, ऐसा कुछ भी न था जो राजा के ज्ञान के बाहर था, जो वह समझा न सके.
4. जब शीबा की रानी शलोमोन की पूरी बुद्धिमानी को परख चुकीं और उनके द्वारा बनाया भवन,
5. उनकी मेज़ पर परोसा गया भोजन, उनके कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था, उनके सेवकों द्वारा की गई सेवा, उनके कपड़े, उनके पिलाने वाले और याहवेह के भवन में चढ़ाई गई होमबलियां देख वह हैरान रह गईं. [PE]
6. [PS]उन्होंने राजा से कहा, “आपकी प्रजा और आपकी बुद्धिमानी के बारे में जो मैंने अपने देश में सुना था, वह सच था.
7. मगर मैंने उन समाचारों का विश्वास ही नहीं किया, जब तक मैंने खुद आकर अपनी ही आंखों से यह सब देख न लिया. सच तो यह है कि मुझे तो इसका आधा भी न बताया गया था. आपकी बुद्धि और समृद्धि उस महिमा से कहीं बढ़कर है जो मेरे सामने वर्णन की गयी थी.
8. कैसे सुखी हैं आपके लोग और आपके ये सेवक, जो सदा आपके सामने रहते हैं, और आपकी बुद्धिमानी की बातें सुनते रहते हैं!
9. धन्य हैं याहवेह, आपके परमेश्वर, आप पर जिनकी कृपादृष्टि है, जिन्होंने आपको इस्राएल के सिंहासन पर बैठाया है. याहवेह हमेशा से इस्राएल से प्रेम करते आए हैं, इसलिये उन्होंने आपको राजा के पद पर रखा है, कि आप न्याय और धर्म के साथ शासन करें.” [PE]
10.
11. [PS]उन्होंने राजा को भेंट में लगभग चार हज़ार किलो सोना और बड़ी मात्रा में मसाले और कीमती पत्थर दे दिए; इतनी मात्रा में मसाले फिर कभी नहीं आए, जितने शीबा की रानी ने राजा शलोमोन को भेंट में दिए थे. [PE][PS]इसके अलावा हीराम के जो जहाज़ ओफीर देश से सोना लाए थे, वही जहाज़ ओफीर देश से बड़ी मात्रा में चन्दन की लकड़ी और कीमती पत्थर लेकर आए,
12. जिस लकड़ी से राजा शलोमोन ने याहवेह के भवन के लिए और राजमहल के लिए खंभे और गायकों के लिए वीणा और सारंगियां बना दिए. ऐसी चन्दन की लकड़ी देखी न गई, क्योंकि फिर इसे लाया ही नहीं गया. [PE]
13.
14. [PS]राजा शलोमोन ने अपने खजाने में से शीबा की रानी को अपनी राजकीय उदारता के अनुसार दे दिया. इसके अलावा उन्होंने शीबा की रानी को उसकी इच्छा और विनती के अनुसार भी दे दिया. वह अपने सेवकों को लेकर अपने देश लौट गईं. [PE]{#1शलोमोन की संपदा, ऐश्वर्य और प्रजा } [PS]शलोमोन को हर साल लगभग बाईस हज़ार किलो सोना मिलता था.
15. यह राजकीय खजाने में व्यापारियों, यात्रियों, पश्चिमी देशों के राजाओं द्वारा दिए गए धन और देश के ही राज्यपालों द्वारा प्राप्‍त कर धन से इकट्ठा धन के अलावा था. [PE]
16. [PS]राजा शलोमोन ने पीटे हुए सोने की 200 विशाल ढालों को बनवाया. हर एक ढाल में लगभग सात किलो सोना लगाया गया था.
17. शलोमोन ने पीटे हुए सोने से 300 ढालों को भी बनवाया. हर एक ढाल में लगभग साढ़े तीन किलो[* साढ़े तीन किलो मूल में तीन मीना ] सोना लगाया गया था. इन सभी को राजा ने लबानोन वन महल में रख दिया. [PE]
18. [PS]राजा ने हाथी-दांत का एक सिंहासन भी बनवाया और उसे शुद्ध सोने से मढ़ दिया.
19. सिंहासन की छः सीढ़ियां थी, और इसके पीछे एक गोल शीर्ष थी. सिंहासन के दोनों ओर दो हत्थे थे और उन्हीं से लगे हुई दोनों ओर खड़े हुए शेर गढ़े गए थे.
20. हर एक सीढ़ी के दोनों ओर खड़े हुए शेर गढ़े गए थे, कुल मिलाकर बारह शेर थे. इसके समान सिंहासन और किसी राज्य में नहीं बनवाया गया था.
21. राजा शलोमोन के पीने के सारे बर्तन सोने के थे. लबानोन वन भवन में इस्तेमाल किए जानेवाले बर्तन शुद्ध सोने के थे. चांदी कहीं भी इस्तेमाल नहीं हुई थी क्योंकि शलोमोन के शासनकाल में चांदी की कोई कीमत ही न थी.
22. तरशीश के सागर में राजा हीराम के साथ जहाजों का एक समूह था. हर तीन साल में तरशीश के जहाज़ वहां सोना, चांदी, हाथी-दांत, बन्दर और मोर लेकर आते थे. [PE]
23. [PS]इस प्रकार राजा शलोमोन पृथ्वी के सभी राजाओं से धन और बुद्धि में बहुत बढ़कर थे.
24. सारी पृथ्वी उसकी बुद्धिमानी की बातें, जो परमेश्वर ने उसके मन में दीं थी, सुनने के लिए उनके सामने जाने की इच्छा रखती थी.
25. हर साल सभी देखनेवाले अपने साथ चांदी और सोने की वस्तुएं, कपड़े, हथियार, मसाले, घोड़े और खच्चर भेंट देने के लिए लाया करते थे. [PE]
26. [PS]शलोमोन ने अब तक एक हज़ार चार सौ रथ, बारह हज़ार घुड़सवार एकत्र कर लिए थे. इन सबको उसने रथों के लिए बनाए नगरों और येरूशलेम में राजा के लिए ठहराए गए स्थानों पर रखवा दिया था.
27. राजा द्वारा येरूशलेम में चांदी का मूल्य वैसा ही कर दिया गया था, जैसा पत्थरों का होता है, और देवदार की लकड़ी का ऐसा जैसे तराई के गूलर के पेड़ों का.
28. शलोमोन घोड़ों का आयात मिस्र और कवे से करते थे. राजा के व्यापारी इन्हें दाम देकर कवे से लाया करते थे.
29. लाए गए एक रथ की कीमत होती थी चांदी के छः सौ सिक्‍के. राजा के व्यापारी इसी प्रकार इनका निर्यात सभी हित्ती और अरामी राजाओं को कर देते थे. [PE]
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शीबा की रानी की भेंट यात्रा 1 जब शीबा की रानी ने याहवेह के नाम के कारण शलोमोन को मिली ख्याति सुनी, वह कठिन प्रश्नों से उन्हें परखने के लिए आईं. 2 जब वह येरूशलेम पहुंची, उनके साथ एक बड़ा कर्मचारी दल, ऊंटों पर मसाले और बड़ी मात्रा में सोना और कीमती पत्थर थे. जब उनकी भेंट शलोमोन से हुई, उन्होंने शलोमोन के सामने वह सब कह डाला, जो उनके मन में था. 3 शलोमोन ने उनके सभी सवालों के जवाब दिए, ऐसा कुछ भी न था जो राजा के ज्ञान के बाहर था, जो वह समझा न सके. 4 जब शीबा की रानी शलोमोन की पूरी बुद्धिमानी को परख चुकीं और उनके द्वारा बनाया भवन, 5 उनकी मेज़ पर परोसा गया भोजन, उनके कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था, उनके सेवकों द्वारा की गई सेवा, उनके कपड़े, उनके पिलाने वाले और याहवेह के भवन में चढ़ाई गई होमबलियां देख वह हैरान रह गईं. 6 उन्होंने राजा से कहा, “आपकी प्रजा और आपकी बुद्धिमानी के बारे में जो मैंने अपने देश में सुना था, वह सच था. 7 मगर मैंने उन समाचारों का विश्वास ही नहीं किया, जब तक मैंने खुद आकर अपनी ही आंखों से यह सब देख न लिया. सच तो यह है कि मुझे तो इसका आधा भी न बताया गया था. आपकी बुद्धि और समृद्धि उस महिमा से कहीं बढ़कर है जो मेरे सामने वर्णन की गयी थी. 8 कैसे सुखी हैं आपके लोग और आपके ये सेवक, जो सदा आपके सामने रहते हैं, और आपकी बुद्धिमानी की बातें सुनते रहते हैं! 9 धन्य हैं याहवेह, आपके परमेश्वर, आप पर जिनकी कृपादृष्टि है, जिन्होंने आपको इस्राएल के सिंहासन पर बैठाया है. याहवेह हमेशा से इस्राएल से प्रेम करते आए हैं, इसलिये उन्होंने आपको राजा के पद पर रखा है, कि आप न्याय और धर्म के साथ शासन करें.” 10 11 उन्होंने राजा को भेंट में लगभग चार हज़ार किलो सोना और बड़ी मात्रा में मसाले और कीमती पत्थर दे दिए; इतनी मात्रा में मसाले फिर कभी नहीं आए, जितने शीबा की रानी ने राजा शलोमोन को भेंट में दिए थे. इसके अलावा हीराम के जो जहाज़ ओफीर देश से सोना लाए थे, वही जहाज़ ओफीर देश से बड़ी मात्रा में चन्दन की लकड़ी और कीमती पत्थर लेकर आए, 12 जिस लकड़ी से राजा शलोमोन ने याहवेह के भवन के लिए और राजमहल के लिए खंभे और गायकों के लिए वीणा और सारंगियां बना दिए. ऐसी चन्दन की लकड़ी देखी न गई, क्योंकि फिर इसे लाया ही नहीं गया. 13 14 राजा शलोमोन ने अपने खजाने में से शीबा की रानी को अपनी राजकीय उदारता के अनुसार दे दिया. इसके अलावा उन्होंने शीबा की रानी को उसकी इच्छा और विनती के अनुसार भी दे दिया. वह अपने सेवकों को लेकर अपने देश लौट गईं. शलोमोन की संपदा, ऐश्वर्य और प्रजा शलोमोन को हर साल लगभग बाईस हज़ार किलो सोना मिलता था. 15 यह राजकीय खजाने में व्यापारियों, यात्रियों, पश्चिमी देशों के राजाओं द्वारा दिए गए धन और देश के ही राज्यपालों द्वारा प्राप्‍त कर धन से इकट्ठा धन के अलावा था. 16 राजा शलोमोन ने पीटे हुए सोने की 200 विशाल ढालों को बनवाया. हर एक ढाल में लगभग सात किलो सोना लगाया गया था. 17 शलोमोन ने पीटे हुए सोने से 300 ढालों को भी बनवाया. हर एक ढाल में लगभग साढ़े तीन किलो* साढ़े तीन किलो मूल में तीन मीना सोना लगाया गया था. इन सभी को राजा ने लबानोन वन महल में रख दिया. 18 राजा ने हाथी-दांत का एक सिंहासन भी बनवाया और उसे शुद्ध सोने से मढ़ दिया. 19 सिंहासन की छः सीढ़ियां थी, और इसके पीछे एक गोल शीर्ष थी. सिंहासन के दोनों ओर दो हत्थे थे और उन्हीं से लगे हुई दोनों ओर खड़े हुए शेर गढ़े गए थे. 20 हर एक सीढ़ी के दोनों ओर खड़े हुए शेर गढ़े गए थे, कुल मिलाकर बारह शेर थे. इसके समान सिंहासन और किसी राज्य में नहीं बनवाया गया था. 21 राजा शलोमोन के पीने के सारे बर्तन सोने के थे. लबानोन वन भवन में इस्तेमाल किए जानेवाले बर्तन शुद्ध सोने के थे. चांदी कहीं भी इस्तेमाल नहीं हुई थी क्योंकि शलोमोन के शासनकाल में चांदी की कोई कीमत ही न थी. 22 तरशीश के सागर में राजा हीराम के साथ जहाजों का एक समूह था. हर तीन साल में तरशीश के जहाज़ वहां सोना, चांदी, हाथी-दांत, बन्दर और मोर लेकर आते थे. 23 इस प्रकार राजा शलोमोन पृथ्वी के सभी राजाओं से धन और बुद्धि में बहुत बढ़कर थे. 24 सारी पृथ्वी उसकी बुद्धिमानी की बातें, जो परमेश्वर ने उसके मन में दीं थी, सुनने के लिए उनके सामने जाने की इच्छा रखती थी. 25 हर साल सभी देखनेवाले अपने साथ चांदी और सोने की वस्तुएं, कपड़े, हथियार, मसाले, घोड़े और खच्चर भेंट देने के लिए लाया करते थे. 26 शलोमोन ने अब तक एक हज़ार चार सौ रथ, बारह हज़ार घुड़सवार एकत्र कर लिए थे. इन सबको उसने रथों के लिए बनाए नगरों और येरूशलेम में राजा के लिए ठहराए गए स्थानों पर रखवा दिया था. 27 राजा द्वारा येरूशलेम में चांदी का मूल्य वैसा ही कर दिया गया था, जैसा पत्थरों का होता है, और देवदार की लकड़ी का ऐसा जैसे तराई के गूलर के पेड़ों का. 28 शलोमोन घोड़ों का आयात मिस्र और कवे से करते थे. राजा के व्यापारी इन्हें दाम देकर कवे से लाया करते थे. 29 लाए गए एक रथ की कीमत होती थी चांदी के छः सौ सिक्‍के. राजा के व्यापारी इसी प्रकार इनका निर्यात सभी हित्ती और अरामी राजाओं को कर देते थे.
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