2. [QS2]जब मैं इस्राएल को चंगा करूंगा, [QE][QS]एफ्राईम के पाप [QE][QS2]और शमरिया के अपराध प्रगट किए जाएंगे. [QE][QS]वे धोखा देते हैं, [QE][QS2]चोर घरों में चोरी करते हैं, [QE][QS2]लुटेरे गलियों में लूटमार करते हैं; [QE]
2. [QS]पर वे यह नहीं समझते [QE][QS2]कि मैं उनके सब बुरे कामों को याद रखता हूं. [QE][QS]उनके पाप उन्हें पूरी तरह खा जाते हैं; [QE][QS2]उनके काम हमेशा मेरी दृष्टि में बने रहते हैं. [QE][PBR]
3. [QS]“वे राजा को अपनी दुष्टता, [QE][QS2]और राजकुमारों को अपने झूठी बातों से खुश रखते हैं. [QE]
4. [QS]वे सबके सब व्यभिचारी हैं, [QE][QS2]एक जलते हुए चूल्हे के समान [QE][QS]जिसकी आग को रोटी बनानेवाला तब तक तेज नहीं करता [QE][QS2]जब तक वह आटा गूंधकर पकाने के लिए तैयार नहीं कर लेता. [QE]
5. [QS]हमारे राजा के त्योहार के दिन [QE][QS2]राजकुमार दाखमधु पीकर उत्तेजित होते हैं, [QE][QS2]और वह हंसी उड़ानेवालों के साथ शामिल होता है. [QE]
6. [QS]उनके ह्रदय एक चूल्हे के समान हैं; [QE][QS2]वे उसके पास षड़्यंत्र रचकर जाते हैं. [QE][QS]उनकी लालसा रात भर सुलगती रहती है; [QE][QS2]और सुबह यह आग की ज्वाला की तरह भभक उठती है. [QE]
7. [QS]वे सबके सब चूल्हे के समान गर्म हैं; [QE][QS2]वे अपने शासकों को भस्म कर देते हैं. [QE][QS]उनके सब राजा मारे जाते हैं, [QE][QS2]पर उनमें से कोई भी मुझे नहीं पुकारता. [QE][PBR]
8. [QS]“एफ्राईम अन्य राष्ट्रों के लोगों के साथ घुल-मिल जाता है; [QE][QS2]एफ्राईम उस रोटी के समान है, जिसे पकाते समय पलटा नहीं गया है. [QE]
9. [QS]परदेशी उसकी शक्ति का शोषण करते हैं, [QE][QS2]पर वह इसे समझ नहीं पाता है. [QE][QS]उसके बाल पकते जा रहे हैं, [QE][QS2]पर वह ध्यान नहीं देता है. [QE]
10. [QS]इस्राएल का अहंकार उसके विरुद्ध गवाही देता है, [QE][QS2]पर इन सबके बावजूद [QE][QS]वह याहवेह अपने परमेश्वर के पास लौटकर नहीं आता [QE][QS2]या उसकी खोज नहीं करता. [QE][PBR]
11. [QS]“एफ्राईम एक पेंडुकी की तरह है, [QE][QS2]जो आसानी से धोखा खाता है और निर्बुद्धि है— [QE][QS]उन्होंने सहायता के लिए मिस्र को पुकारा, [QE][QS2]अब अश्शूर की ओर जाते हैं. [QE]
12. [QS]जब वे जाते हैं, तब मैं उन पर अपना जाल डालूंगा; [QE][QS2]मैं उन्हें आकाश के पक्षियों के समान नीचे गिरा दूंगा. [QE][QS]जब मैं सुनूंगा कि वे एक साथ झुंड में इकट्ठा हो रहे हैं, [QE][QS2]तो मैं उन्हें पकड़ लूंगा. [QE]
13. [QS]उन पर हाय, [QE][QS2]क्योंकि वे मुझसे अलग हो गये हैं! [QE][QS]सर्वनाश हो उनका, [QE][QS2]क्योंकि उन्होंने मेरे विरुद्ध विद्रोह किया है! [QE][QS]मैं उन्हें छुड़ाने की इच्छा रखता हूं [QE][QS2]पर वे मेरे बारे में झूठ बोलते हैं. [QE]
14. [QS]वे मुझे अपने हृदय से नहीं पुकारते [QE][QS2]पर अपने बिछौने पर पड़े विलाप करते हैं. [QE][QS]अनाज और नई दाखमधु के लिये [QE][QS2]वे अपने देवताओं से याचना करते हुए अपने आपको घायल करते हैं, [QE][QS2]पर वे मुझसे दूर रहते हैं. [QE]
15. [QS]मैंने उन्हें प्रशिक्षित किया और उनकी सेना को सशक्त किया, [QE][QS2]पर वे मेरे ही विरुद्ध षड़्यंत्र रचते हैं. [QE]
16. [QS]वे सर्वोच्च परमेश्वर की ओर नहीं फिर रहे हैं; [QE][QS2]वे त्रुटिपूर्ण धनुष के समान हैं. [QE][QS]उनके अगुएं घमंड से भरी बातों के कारण [QE][QS2]तलवार से मारे जाएंगे. [QE][QS]इसी कारण से उन्हें मिस्र देश में [QE][QS2]ठट्ठों में उड़ाया जाएगा. [QE]