1. [QS]याहवेह, हमारी रक्षा कीजिए, कोई भक्त अब शेष न रहा; [QE][QS2]मनुष्यों के मध्य से विश्वासयोग्य पुरुष नहीं रहे. [QE]
2. [QS]मनुष्य मनुष्य से झूठी बातें कर रहा है; [QE][QS2]वे चापलूसी करते हुए [QE][QS2]एक दूसरे का छल करते हैं. [QE][PBR]
3. [QS]अच्छा होगा यदि याहवेह चापलूसी होंठों [QE][QS2]तथा घमंडी जीभ को काट डालें. [QE]
4. [QS]वे डींग मारते हुए कहते हैं, [QE][QS2]“शक्ति हमारी जीभ में मगन है; [QE][QS2]ओंठ हमारे वश में हैं. कौन हो सकता है हमारा स्वामी?” [QE][PBR]
5. [QS]किंतु अब याहवेह का कहना है, “दुःखितों के प्रति की गई हिंसा के कारण, [QE][QS2]निर्धनों की करुण वाणी के कारण मैं उनके पक्ष में उठ खड़ा होऊंगा. [QE][QS2]मैं उन्हें वही सुरक्षा प्रदान करूंगा, वे जिसकी कामना कर रहे हैं.” [QE]
6. [QS]याहवेह का वचन शुद्ध है, [QE][QS2]उस चांदी-समान हैं, [QE][QS2]जिसे भट्टी में सात बार तपा कर शुद्ध किया गया है. [QE][PBR]
7. [QS]याहवेह, उन्हें अपनी सुरक्षा में बनाए रखेंगे [QE][QS2]उन्हें इस पीढ़ी से सर्वदा सुरक्षा प्रदान करेंगे, [QE]
8. [QS]जब मनुष्यों द्वारा नीचता का आदर किया जाता है, [QE][QS2]तब दुष्ट चारों और अकड़ कर चलते फिरते हैं. [QE]