पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
भजन संहिता
1. [QS]परमेश्वर, मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ा लीजिए; [QE][QS2]मुझे उनसे सुरक्षा प्रदान कीजिए, जो मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं. [QE]
2. [QS]मुझे कुकर्मियों से छुड़ा लीजिए [QE][QS2]तथा हत्यारे पुरुषों से मुझे सुरक्षा प्रदान कीजिए. [QE][PBR]
3. [QS]देखिए, वे कैसे मेरे लिए घात लगाए बैठे हैं! [QE][QS2]जो मेरे लिए बुरी युक्ति रच रहे हैं वे हिंसक पुरुष हैं. [QE][QS2]याहवेह, न मैंने कोई अपराध किया है और न कोई पाप. [QE]
4. [QS]मुझसे कोई भूल भी नहीं हुई, फिर भी वे आक्रमण के लिए तत्पर हैं. [QE][QS2]मेरी दुर्गति पर दृष्टि कर, मेरी सहायता के लिए आ जाइए! [QE]
5. [QS]याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, [QE][QS2]इस्राएल के परमेश्वर, [QE][QS]इन समस्त राष्ट्रों को दंड देने के लिए उठ जाइए; [QE][QS2]दुष्ट विश्‍वासघातियों पर कोई कृपा न कीजिए. [QE][PBR]
6. [QS]वे संध्या को लौटते, [QE][QS2]कुत्तों के समान चिल्लाते, [QE][QS2]और नगर में घूमते रहते हैं. [QE]
7. [QS]आप देखिए कि वे अपने मुंह से क्या-क्या उगल रहे हैं, [QE][QS2]उनके होंठों में से तलवार बाहर आती है, [QE][QS2]तब वे कहते हैं, “कौन सुन सकता है हमें?” [QE]
8. [QS]किंतु, याहवेह, आप उन पर हंसते हैं; [QE][QS2]ये सारे राष्ट्र आपके उपहास के विषय हैं. [QE][PBR]
9. [QS]मेरी शक्ति, मुझे आपकी ही प्रतीक्षा है; [QE][QS2]मेरे परमेश्वर, आप मेरे आश्रय-स्थल हैं, [QE]
2. [QS2]आप मेरे प्रेममय परमेश्वर हैं. [QE][PBR] [QS]परमेश्वर मेरे आगे-आगे जाएंगे, [QE][QS2]तब मैं अपने निंदकों के ऊपर संतोष के साथ व्यंग्य पूर्ण दृष्टि डाल सकूंगा. [QE]
11. [QS]किंतु मेरे प्रभु, मेरी ढाल, उनकी हत्या न कीजिए, [QE][QS2]अन्यथा मेरी प्रजा उन्हें भूल जाएगी. [QE][QS]अपने सामर्थ्य में उन्हें तितर-बितर भटकाने के लिए छोड़ दीजिए, [QE][QS2]कि उनमें मनोबल ही शेष न रह जाए. [QE]
12. [QS]उनके मुख के वचन द्वारा किए गए पापों के कारण, [QE][QS2]उनके होंठों द्वारा किए गए अनाचार के लिए [QE][QS2]तथा उनके द्वारा दिए गए शाप तथा झूठाचार के कारण, [QE][QS]उन्हें अपने ही अहंकार में फंस जाने दीजिए. [QE]
2. [QS2]उन्हें अपनी क्रोध अग्नि में भस्म कर दीजिए, [QE][QS2]उन्हें इस प्रकार भस्म कीजिए, कि उनका कुछ भी शेष न रह जाए. [QE][QS]तब यह पृथ्वी की छोर तक सर्वविदित बातें हो जाएगी, [QE][QS2]कि परमेश्वर ही वस्तुतः याकोब के शासक हैं. [QE][PBR]
14. [QS]वे संध्या को लौटते, [QE][QS2]कुत्तों के समान चिल्लाते [QE][QS2]और नगर में घूमते रहते हैं. [QE]
15. [QS]वे भोजन की खोज में घूमते रहते हैं [QE][QS2]और संतोष न होने पर सियारों जैसे चिल्लाने लगते हैं. [QE]
16. [QS]किंतु मैं आपकी सामर्थ्य का गुणगान करूंगा, [QE][QS2]प्रातःकाल मेरे गीत का विषय होगा आपका करुणा-प्रेम[† करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं ] [QE][QS]क्योंकि मेरा दृढ़ आश्रय-स्थल आप हैं, [QE][QS2]संकट काल में शरण स्थल हैं. [QE][PBR]
17. [QS]मेरा बल, मैं आपका गुणगान करता हूं; [QE][QS2]परमेश्वर, आप मेरे आश्रय-स्थल हैं, [QE][QS2]आप ही करुणा-प्रेममय मेरे परमेश्वर हैं. [QE]
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1 परमेश्वर, मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ा लीजिए; मुझे उनसे सुरक्षा प्रदान कीजिए, जो मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं. 2 मुझे कुकर्मियों से छुड़ा लीजिए तथा हत्यारे पुरुषों से मुझे सुरक्षा प्रदान कीजिए. 3 देखिए, वे कैसे मेरे लिए घात लगाए बैठे हैं! जो मेरे लिए बुरी युक्ति रच रहे हैं वे हिंसक पुरुष हैं. याहवेह, न मैंने कोई अपराध किया है और न कोई पाप. 4 मुझसे कोई भूल भी नहीं हुई, फिर भी वे आक्रमण के लिए तत्पर हैं. मेरी दुर्गति पर दृष्टि कर, मेरी सहायता के लिए आ जाइए! 5 याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, इस्राएल के परमेश्वर, इन समस्त राष्ट्रों को दंड देने के लिए उठ जाइए; दुष्ट विश्‍वासघातियों पर कोई कृपा न कीजिए. 6 वे संध्या को लौटते, कुत्तों के समान चिल्लाते, और नगर में घूमते रहते हैं. 7 आप देखिए कि वे अपने मुंह से क्या-क्या उगल रहे हैं, उनके होंठों में से तलवार बाहर आती है, तब वे कहते हैं, “कौन सुन सकता है हमें?” 8 किंतु, याहवेह, आप उन पर हंसते हैं; ये सारे राष्ट्र आपके उपहास के विषय हैं. 9 मेरी शक्ति, मुझे आपकी ही प्रतीक्षा है; मेरे परमेश्वर, आप मेरे आश्रय-स्थल हैं, 2 आप मेरे प्रेममय परमेश्वर हैं. परमेश्वर मेरे आगे-आगे जाएंगे, तब मैं अपने निंदकों के ऊपर संतोष के साथ व्यंग्य पूर्ण दृष्टि डाल सकूंगा. 11 किंतु मेरे प्रभु, मेरी ढाल, उनकी हत्या न कीजिए, अन्यथा मेरी प्रजा उन्हें भूल जाएगी. अपने सामर्थ्य में उन्हें तितर-बितर भटकाने के लिए छोड़ दीजिए, कि उनमें मनोबल ही शेष न रह जाए. 12 उनके मुख के वचन द्वारा किए गए पापों के कारण, उनके होंठों द्वारा किए गए अनाचार के लिए तथा उनके द्वारा दिए गए शाप तथा झूठाचार के कारण, उन्हें अपने ही अहंकार में फंस जाने दीजिए. 2 उन्हें अपनी क्रोध अग्नि में भस्म कर दीजिए, उन्हें इस प्रकार भस्म कीजिए, कि उनका कुछ भी शेष न रह जाए. तब यह पृथ्वी की छोर तक सर्वविदित बातें हो जाएगी, कि परमेश्वर ही वस्तुतः याकोब के शासक हैं. 14 वे संध्या को लौटते, कुत्तों के समान चिल्लाते और नगर में घूमते रहते हैं. 15 वे भोजन की खोज में घूमते रहते हैं और संतोष न होने पर सियारों जैसे चिल्लाने लगते हैं. 16 किंतु मैं आपकी सामर्थ्य का गुणगान करूंगा, प्रातःकाल मेरे गीत का विषय होगा आपका करुणा-प्रेम करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं क्योंकि मेरा दृढ़ आश्रय-स्थल आप हैं, संकट काल में शरण स्थल हैं. 17 मेरा बल, मैं आपका गुणगान करता हूं; परमेश्वर, आप मेरे आश्रय-स्थल हैं, आप ही करुणा-प्रेममय मेरे परमेश्वर हैं.
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