भजन संहिता 119 : 1 (HOV)
क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!
भजन संहिता 119 : 2 (HOV)
क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
भजन संहिता 119 : 3 (HOV)
फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।
भजन संहिता 119 : 4 (HOV)
तू ने अपने उपदेश इसलिये दिए हैं, कि वे यत्न से माने जाएं।
भजन संहिता 119 : 5 (HOV)
भला होता कि तेरी विधियों के मानने के लिये मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए!
भजन संहिता 119 : 6 (HOV)
तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।
भजन संहिता 119 : 7 (HOV)
जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूंगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूंगा।
भजन संहिता 119 : 8 (HOV)
मैं तेरी विधियों को मानूंगा: मुझे पूरी रीति से न तज!
भजन संहिता 119 : 9 (HOV)
जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।
भजन संहिता 119 : 10 (HOV)
मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
भजन संहिता 119 : 11 (HOV)
मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं।
भजन संहिता 119 : 12 (HOV)
हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!
भजन संहिता 119 : 13 (HOV)
तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।
भजन संहिता 119 : 14 (HOV)
मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।
भजन संहिता 119 : 15 (HOV)
मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।
भजन संहिता 119 : 16 (HOV)
मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा॥
भजन संहिता 119 : 17 (HOV)
अपने दास का उपकार कर, कि मैं जीवित रहूं, और तेरे वचन पर चलता रहूं।
भजन संहिता 119 : 18 (HOV)
मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं।
भजन संहिता 119 : 19 (HOV)
मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूं; अपनी आज्ञाओं को मुझ से छिपाए न रख!
भजन संहिता 119 : 20 (HOV)
मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।
भजन संहिता 119 : 21 (HOV)
तू ने अभिमानियों को, जो शापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटके हुए हैं।
भजन संहिता 119 : 22 (HOV)
मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूं।
भजन संहिता 119 : 23 (HOV)
हाकिम भी बैठे हुए आपास में मेरे विरुद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।
भजन संहिता 119 : 24 (HOV)
तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं॥
भजन संहिता 119 : 25 (HOV)
मैं धूल में पड़ा हूं; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!
भजन संहिता 119 : 26 (HOV)
मैं ने अपनी चालचलन का तुझ से वर्णन किया है और तू ने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियां सिखा!
भजन संहिता 119 : 27 (HOV)
अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आश्यर्चकर्मों पर ध्यान करूंगा।
भजन संहिता 119 : 28 (HOV)
मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भल!
भजन संहिता 119 : 29 (HOV)
मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और करूणा कर के अपनी व्यवस्था मुझे दे।
भजन संहिता 119 : 30 (HOV)
मैं ने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूं।
भजन संहिता 119 : 31 (HOV)
मैं तेरी चितौनियों में लौलीन हूं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!
भजन संहिता 119 : 32 (HOV)
जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौडूंगा॥
भजन संहिता 119 : 33 (HOV)
हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा।
भजन संहिता 119 : 34 (HOV)
मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा।
भजन संहिता 119 : 35 (HOV)
अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूं।
भजन संहिता 119 : 36 (HOV)
मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।
भजन संहिता 119 : 37 (HOV)
मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।
भजन संहिता 119 : 38 (HOV)
तेरा वचन जो तेरे भय मानने वालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।
भजन संहिता 119 : 39 (HOV)
जिस नामधराई से मैं डरता हूं, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।
भजन संहिता 119 : 40 (HOV)
देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूं; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।
भजन संहिता 119 : 41 (HOV)
हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;
भजन संहिता 119 : 42 (HOV)
तब मैं अपनी नामधराई करने वालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
भजन संहिता 119 : 43 (HOV)
मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर हैं।
भजन संहिता 119 : 44 (HOV)
तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;
भजन संहिता 119 : 45 (HOV)
और मैं चोड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
भजन संहिता 119 : 46 (HOV)
और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
भजन संहिता 119 : 47 (HOV)
क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।
भजन संहिता 119 : 48 (HOV)
मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा॥
भजन संहिता 119 : 49 (HOV)
जो वचन तू ने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तू ने मुझे आशा दी है।
भजन संहिता 119 : 50 (HOV)
मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है।
भजन संहिता 119 : 51 (HOV)
अभिमानियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।
भजन संहिता 119 : 52 (HOV)
हे यहोवा, मैं ने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।
भजन संहिता 119 : 53 (HOV)
जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं सन्ताप से जलता हूं।
भजन संहिता 119 : 54 (HOV)
जहां मैं परदेशी होकर रहता हूं, वहां तेरी विधियां, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।
भजन संहिता 119 : 55 (HOV)
हे यहोवा, मैं ने रात को तेरा नाम स्मरण किया और तेरी व्यवस्था पर चला हूं।
भजन संहिता 119 : 56 (HOV)
यह मुझ से इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था॥
भजन संहिता 119 : 57 (HOV)
यहोवा मेरा भाग है; मैं ने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।
भजन संहिता 119 : 58 (HOV)
मैं ने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिये अपने वचन के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर।
भजन संहिता 119 : 59 (HOV)
मैं ने अपनी चालचलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।
भजन संहिता 119 : 60 (HOV)
मैं ने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।
भजन संहिता 119 : 61 (HOV)
मैं दुष्टों की रस्सियों बन्ध गया हूं, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।
भजन संहिता 119 : 62 (HOV)
तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।
भजन संहिता 119 : 63 (HOV)
जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूं।
भजन संहिता 119 : 64 (HOV)
हे यहोवा, तेरी करुणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियां सिखा!
भजन संहिता 119 : 65 (HOV)
हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।
भजन संहिता 119 : 66 (HOV)
मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।
भजन संहिता 119 : 67 (HOV)
उससे पहिले कि मैं दु:खित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं।
भजन संहिता 119 : 68 (HOV)
तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा।
भजन संहिता 119 : 69 (HOV)
अभिमानियों ने तो मेरे विरुद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा।
भजन संहिता 119 : 70 (HOV)
उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं।
भजन संहिता 119 : 71 (HOV)
मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं।
भजन संहिता 119 : 72 (HOV)
तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है॥
भजन संहिता 119 : 73 (HOV)
तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं।
भजन संहिता 119 : 74 (HOV)
तेरे डरवैये मुझे देख कर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैं ने तेरे वचन पर आशा लगाई है।
भजन संहिता 119 : 75 (HOV)
हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तू ने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दु:ख दिया है।
भजन संहिता 119 : 76 (HOV)
मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है।
भजन संहिता 119 : 77 (HOV)
तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूंगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।
भजन संहिता 119 : 78 (HOV)
अभिमानियों की आशा टूटे, क्योंकि उन्होंने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा।
भजन संहिता 119 : 79 (HOV)
जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।
भजन संहिता 119 : 80 (HOV)
मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े॥
भजन संहिता 119 : 81 (HOV)
मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।
भजन संहिता 119 : 82 (HOV)
मेरी आंखें तेरे वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गईं है; और मैं कहता हूं कि तू मुझे कब शान्ति देगा?
भजन संहिता 119 : 83 (HOV)
क्योंकि मैं धूएं में की कुप्पी के समान हो गया हूं, तौभी तेरी विधियों को नहीं भूला।
भजन संहिता 119 : 84 (HOV)
तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?
भजन संहिता 119 : 85 (HOV)
अभिमानी जो तरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्होंने मेरे लिये गड़हे खोदे हैं।
भजन संहिता 119 : 86 (HOV)
तेरी सब आज्ञाएं विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!
भजन संहिता 119 : 87 (HOV)
वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैं ने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।
भजन संहिता 119 : 88 (HOV)
अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूंगा॥
भजन संहिता 119 : 89 (HOV)
हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
भजन संहिता 119 : 90 (HOV)
तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
भजन संहिता 119 : 91 (HOV)
वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे आधीन है।
भजन संहिता 119 : 92 (HOV)
यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
भजन संहिता 119 : 93 (HOV)
मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
भजन संहिता 119 : 94 (HOV)
मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
भजन संहिता 119 : 95 (HOV)
दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
भजन संहिता 119 : 96 (HOV)
जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है॥
भजन संहिता 119 : 97 (HOV)
अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
भजन संहिता 119 : 98 (HOV)
तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
भजन संहिता 119 : 99 (HOV)
मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
भजन संहिता 119 : 100 (HOV)
मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
भजन संहिता 119 : 101 (HOV)
मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
भजन संहिता 119 : 102 (HOV)
मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
भजन संहिता 119 : 103 (HOV)
तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
भजन संहिता 119 : 104 (HOV)
तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं॥
भजन संहिता 119 : 105 (HOV)
तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।
भजन संहिता 119 : 106 (HOV)
मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा।
भजन संहिता 119 : 107 (HOV)
मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।
भजन संहिता 119 : 108 (HOV)
हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जान कर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।
भजन संहिता 119 : 109 (HOV)
मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
भजन संहिता 119 : 110 (HOV)
दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
भजन संहिता 119 : 111 (HOV)
मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं।
भजन संहिता 119 : 112 (HOV)
मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।
भजन संहिता 119 : 113 (HOV)
मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
भजन संहिता 119 : 114 (HOV)
तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
भजन संहिता 119 : 115 (HOV)
हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।
भजन संहिता 119 : 116 (HOV)
हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!
भजन संहिता 119 : 117 (HOV)
मुझे थाम रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!
भजन संहिता 119 : 118 (HOV)
जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
भजन संहिता 119 : 119 (HOV)
तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों से प्रीति रखता हूं।
भजन संहिता 119 : 120 (HOV)
तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं॥
भजन संहिता 119 : 121 (HOV)
मैं ने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अन्धेर करने वालों के हाथ में न छोड़।
भजन संहिता 119 : 122 (HOV)
अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अभिमानी मुझ पर अन्धेर न करने पांए।
भजन संहिता 119 : 123 (HOV)
मेरी आंखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई हैं।
भजन संहिता 119 : 124 (HOV)
अपने दास के संग अपनी करूणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियां मुझे सिखा।
भजन संहिता 119 : 125 (HOV)
मैं तेरा दास हूं, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूं।
भजन संहिता 119 : 126 (HOV)
वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।
भजन संहिता 119 : 127 (HOV)
इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूं।
भजन संहिता 119 : 128 (HOV)
इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं॥
भजन संहिता 119 : 129 (HOV)
तेरी चितौनियां अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूं।
भजन संहिता 119 : 130 (HOV)
तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।
भजन संहिता 119 : 131 (HOV)
मैं मुंह खोल कर हांफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।
भजन संहिता 119 : 132 (HOV)
जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखने वालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिर कर मुझ पर अनुग्रह कर।
भजन संहिता 119 : 133 (HOV)
मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
भजन संहिता 119 : 134 (HOV)
मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा।
भजन संहिता 119 : 135 (HOV)
अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियां मुझे सिखा।
भजन संहिता 119 : 136 (HOV)
मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते॥
भजन संहिता 119 : 137 (HOV)
हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।
भजन संहिता 119 : 138 (HOV)
तू ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।
भजन संहिता 119 : 139 (HOV)
मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे सताने वाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।
भजन संहिता 119 : 140 (HOV)
तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है।
भजन संहिता 119 : 141 (HOV)
मैं छोटा और तुच्छ हूं, तौभी मैं तेरे उपदेशों को नही भूलता।
भजन संहिता 119 : 142 (HOV)
तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।
भजन संहिता 119 : 143 (HOV)
मैं संकट और सकेती में फंसा हूं, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूं।
भजन संहिता 119 : 144 (HOV)
तेरी चितौनियां सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूं॥
भजन संहिता 119 : 145 (HOV)
मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूंगा।
भजन संहिता 119 : 146 (HOV)
मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूंगा।
भजन संहिता 119 : 147 (HOV)
मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।
भजन संहिता 119 : 148 (HOV)
मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं।
भजन संहिता 119 : 149 (HOV)
अपनी करूणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीति के अनुसार मुझे जीवित कर।
भजन संहिता 119 : 150 (HOV)
जो दुष्टता में धुन लगाते हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।
भजन संहिता 119 : 151 (HOV)
हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं।
भजन संहिता 119 : 152 (HOV)
बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूं, कि तू ने उनकी नेव सदा के लिये डाली है॥
भजन संहिता 119 : 153 (HOV)
मेरे दु:ख को देख कर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
भजन संहिता 119 : 154 (HOV)
मेरा मुकद्दमा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला।
भजन संहिता 119 : 155 (HOV)
दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।
भजन संहिता 119 : 156 (HOV)
हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिये अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।
भजन संहिता 119 : 157 (HOV)
मेरा पीछा करने वाले और मेरे सताने वाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।
भजन संहिता 119 : 158 (HOV)
मैं विश्वासघातियों को देख कर उदास हुआ, क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।
भजन संहिता 119 : 159 (HOV)
देख, मैं तेरे नियमों से कैसी प्रीति रखता हूं! हे यहोवा, अपनी करूणा के अनुसार मुझ को जिला।
भजन संहिता 119 : 160 (HOV)
तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक एक धर्ममय नियम सदा काल तक अटल है॥
भजन संहिता 119 : 161 (HOV)
हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।
भजन संहिता 119 : 162 (HOV)
जैसे कोई बड़ी लूट पा कर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं।
भजन संहिता 119 : 163 (HOV)
झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
भजन संहिता 119 : 164 (HOV)
तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बेर तेरी स्तुति करता हूं।
भजन संहिता 119 : 165 (HOV)
तेरी व्यवस्था से प्रीति रखने वालों को बड़ी शान्ति होती है; और उन को कुछ ठोकर नहीं लगती।
भजन संहिता 119 : 166 (HOV)
हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूं; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूं।
भजन संहिता 119 : 167 (HOV)
मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूं, और उन से बहुत प्रीति रखता आया हूं।
भजन संहिता 119 : 168 (HOV)
मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूं, क्योंकि मेरी सारी चालचलन तेरे सम्मुख प्रगट है॥
भजन संहिता 119 : 169 (HOV)
हे यहोवा, मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!
भजन संहिता 119 : 170 (HOV)
मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुंचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।
भजन संहिता 119 : 171 (HOV)
मेरे मुंह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियां सिखाता है।
भजन संहिता 119 : 172 (HOV)
मैं तेरे वचन का गीत गाऊंगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएं धर्ममय हैं।
भजन संहिता 119 : 173 (HOV)
तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों को अपनाया है।
भजन संहिता 119 : 174 (HOV)
हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूं, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूं।
भजन संहिता 119 : 175 (HOV)
मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूंगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।
भजन संहिता 119 : 176 (HOV)
मैं खोई हुई भेड़ की नाईं भटका हूं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया॥

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