भजन संहिता 44 : 1 (HOV)
हे परमेश्वर हम ने अपने कानों से सुना, हमारे बापदादों ने हम से वर्णन किया है, कि तू ने उनके दिनों में और प्राचीनकाल में क्या क्या काम किए हैं।
भजन संहिता 44 : 2 (HOV)
तू ने अपने हाथ से जातियों को निकाल दिया, और इनको बसाया; तू ने देश देश के लोगों को दु:ख दिया, और इनको चारों ओर फैला दिया;
भजन संहिता 44 : 3 (HOV)
क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उनको चाहता था।।
भजन संहिता 44 : 4 (HOV)
हे परमेश्वर, तू ही हमारा महाराजा है, तू याकूब के उद्धार की आज्ञा देता है।
भजन संहिता 44 : 5 (HOV)
तेरे सहारे से हम अपने द्रोहियों को ढकेलकर गिरा देंगे; तेरे नाम के प्रताप से हम अपने विरोधियों को रौंदेंगे।
भजन संहिता 44 : 6 (HOV)
क्योंकि मैं अपने धनुष पर भरोसा न रखूंगा, और न अपनी तलवार के बल से बचूगा।
भजन संहिता 44 : 7 (HOV)
परन्तु तू ही ने हम को द्रोहियों से बचाया है, और हमारे बैरियों को निराश और लज्जित किया है।
भजन संहिता 44 : 8 (HOV)
हम परमेश्वर की बड़ाई दिन भर करते रहते हैं, और सदैव तेरे नाम का धन्यवाद करते रहेंगे।।
भजन संहिता 44 : 9 (HOV)
तौभी तू ने अब हम को त्याग दिया और हमारा अनादर किया है, और हमारे दलों के साथ आगे नहीं जाता।
भजन संहिता 44 : 10 (HOV)
तू हम को शत्रु के साम्हने से हटा देता है, और हमारे बैरी मनमाने लूट मार करते हैं।
भजन संहिता 44 : 11 (HOV)
तू ने हमें कसाई की भेडों के समान कर दिया है, और हम को अन्य जातियों में तित्तर बित्तर किया है।
भजन संहिता 44 : 12 (HOV)
तू अपनी प्रजा को सेंतमेंत बेच डालता है, परन्तु उनके मोल से तू धनी नहीं होता।।
भजन संहिता 44 : 13 (HOV)
तू हमारे पड़ोसियों से हमारी नामधराई कराता है, और हमारे चारों ओर से रहनेवाले हम से हंसी ठट्ठा करते हैं।
भजन संहिता 44 : 14 (HOV)
तू हम को अन्यजातियों के बीच में उपमा ठहराता है, और देश देश के लेग हमारे कारण सिर हिलाते हैं। दिन भर हमें तिरस्कार सहना पड़ता है,
भजन संहिता 44 : 15 (HOV)
और कलंक लगाने और निन्दा करनेवाले के बोल से,
भजन संहिता 44 : 16 (HOV)
और शत्रु और बदला लेनेवालों के कारण, बुरा- भला कहनेवालों और निन्दा करनेवालों के कारण।
भजन संहिता 44 : 17 (HOV)
यह सब कुछ हम पर बीता तौभी हम तुझे नहीं भूले, न तेरी वाचा के विषय विश्वासघात किया है।
भजन संहिता 44 : 18 (HOV)
हमारे मन न बहके, न हमारे पैर तरी बाट से मुड़े;
भजन संहिता 44 : 19 (HOV)
तौभी तू ने हमें गीदड़ों के स्थान में पीस डाला, और हम को घोर अन्धकार में छिपा दिया है।।
भजन संहिता 44 : 20 (HOV)
यदि हम अपने परमेश्वर का नाम भूल जाते, वा किसी पराए देवता की ओर अपने हाथ फैलाते,
भजन संहिता 44 : 21 (HOV)
तो क्या परमेश्वर इसका विचार न करता? क्योंकि वह तो मन की गुप्त बातों को जानता है।
भजन संहिता 44 : 22 (HOV)
परन्तु हम दिन भर तेरे निमित्त मार डाले जाते हैं, और उन भेड़ों के समान समझे जाते हैं जो वध होने पर हैं।।
भजन संहिता 44 : 23 (HOV)
हे प्रभु, जाग! तू क्यों सोता है? उठ! हम को सदा के लिये त्याग न दे!
भजन संहिता 44 : 24 (HOV)
तू क्यों अपना मुंह छिपा लेता है? और हमारा दु:ख और सताया जाना भूल जाता है?
भजन संहिता 44 : 25 (HOV)
हमारा प्राण मिट्टी से लग गया; हमारा पेट भूमि से सट गया है।
भजन संहिता 44 : 26 (HOV)
हमारी सहायता के लिये उठ खड़ा हो! और अपनी करूणा के निमित्त हम को छुड़ा ले।।
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