यूहन्ना 6 : 1 (HOV)
इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
यूहन्ना 6 : 2 (HOV)
और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
यूहन्ना 6 : 3 (HOV)
तब यीशु पहाड़ पर चढ़कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
यूहन्ना 6 : 4 (HOV)
और यहूदियों के फसह के पर्व निकट था।
यूहन्ना 6 : 5 (HOV)
तब यीशु ने अपनी आंखे उठाकर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलेप्पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
यूहन्ना 6 : 6 (HOV)
परन्तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्योंकि वह आप जानता था कि मैं क्या करूंगा।
यूहन्ना 6 : 7 (HOV)
फिलेप्पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
यूहन्ना 6 : 8 (HOV)
उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उस से कहा।
यूहन्ना 6 : 9 (HOV)
यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं?
यूहन्ना 6 : 10 (HOV)
यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
यूहन्ना 6 : 11 (HOV)
तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद करके बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
यूहन्ना 6 : 12 (HOV)
जब वे खाकर तृप्त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
यूहन्ना 6 : 13 (HOV)
सो उन्होंने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
यूहन्ना 6 : 14 (HOV)
तब जो आश्चर्य कर्म उस ने कर दिखाया उसे वे लोग देखकर कहने लगे; कि वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आनेवाला था निश्चय यही है।
यूहन्ना 6 : 15 (HOV)
यीशु यह जानकर कि वे मुझे राजा बनाने के लिये आकर पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया।
यूहन्ना 6 : 16 (HOV)
फिर जब संध्या हुई, तो उसके चेले झील के किनारे गए।
यूहन्ना 6 : 17 (HOV)
और नाव पर चढ़कर झील के पार कफरनहूम को जाने लगे: उस समय अन्धेरा हो गया था, और यीशु अभी तक उन के पास नहीं आया था।
यूहन्ना 6 : 18 (HOV)
और आन्धी के कारण झील में लहरे उठने लगीं।
यूहन्ना 6 : 19 (HOV)
सो जब वे खेते खेते तीन चार मील के लगभग निकल गए, तो उन्होंने यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा, और डर गए।
यूहन्ना 6 : 20 (HOV)
परन्तु उस ने उन से कहा, कि मैं हूं; डरो मत।
यूहन्ना 6 : 21 (HOV)
सो वे उसे नाव पर चढ़ा लेने के लिये तैयार हुए और तुरन्त वह नाव उस स्थान पर जा पहुंची जहां वह जाते थे।
यूहन्ना 6 : 22 (HOV)
दूसरे दिन उस भीड़ ने, जो झील के पार खड़ी थी, यह देखा, कि यहां एक को छोड़कर और कोई छोटी नाव न थी, और यीशु अपने चेलों के साथ उस नाव पर न चढ़ा, परन्तु केवल उसके चेले चले गए थे।
यूहन्ना 6 : 23 (HOV)
(तौभी और छोटी नावें तिबिरियास से उस जगह के निकट आई, जहां उन्होंने प्रभु के धन्यवाद करने के बाद रोटी खाई थी।)
यूहन्ना 6 : 24 (HOV)
सो जब भीड़ ने देखा, कि यहां न यीशु है, और न उसके चेले, तो वे भी छोटी छोटी नावों पर चढ़ के यीशु को ढूंढ़ते हुए कफरनहूम को पहुंचे।
यूहन्ना 6 : 25 (HOV)
और झील के पार उस से मिलकर कहा, हे रब्बी, तू यहां कब आया?
यूहन्ना 6 : 26 (HOV)
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्त हुए।
यूहन्ना 6 : 27 (HOV)
नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।
यूहन्ना 6 : 28 (HOV)
उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें?
यूहन्ना 6 : 29 (HOV)
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उस ने भेजा है, विश्वास करो।
यूहन्ना 6 : 30 (HOV)
तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन का चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है?
यूहन्ना 6 : 31 (HOV)
हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उस ने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी।
यूहन्ना 6 : 32 (HOV)
यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
यूहन्ना 6 : 33 (HOV)
क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।
यूहन्ना 6 : 34 (HOV)
तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।
यूहन्ना 6 : 35 (HOV)
यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
यूहन्ना 6 : 36 (HOV)
परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते।
यूहन्ना 6 : 37 (HOV)
जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।
यूहन्ना 6 : 38 (HOV)
क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।
यूहन्ना 6 : 39 (HOV)
और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उस ने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।
यूहन्ना 6 : 40 (HOV)
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
यूहन्ना 6 : 41 (HOV)
सो यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिये कि उस ने कहा था; कि जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूं।
यूहन्ना 6 : 42 (HOV)
और उन्होंने कहा; क्या यह यूसुफ का पुत्र यीशु नहीं, जिस के माता पिता को हम जानते हैं? तो वह क्योंकर कहता है कि मैं स्वर्ग से उतरा हूं।
यूहन्ना 6 : 43 (HOV)
यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि आपस में मत कुड़कुड़ाओ।
यूहन्ना 6 : 44 (HOV)
.कोई मेरे पास नहीं आ सकता, जब तक पिता, जिस ने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले; और मैं उस को अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
यूहन्ना 6 : 45 (HOV)
भविष्यद्वक्ताओं के लेखों में यह लिखा है, कि वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे। जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।
यूहन्ना 6 : 46 (HOV)
यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।
यूहन्ना 6 : 47 (HOV)
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।
यूहन्ना 6 : 48 (HOV)
जीवन की रोटी मैं हूं।
यूहन्ना 6 : 49 (HOV)
तुम्हारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए।
यूहन्ना 6 : 50 (HOV)
यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उस में से खाए और न मरे।
यूहन्ना 6 : 51 (HOV)
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।
यूहन्ना 6 : 52 (HOV)
इस पर यहूदी यह कहकर आपस में झगड़ने लगे, कि यह मनुष्य क्योंकर हमें अपना मांस खाने को दे सकता है?
यूहन्ना 6 : 53 (HOV)
यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं जब तक मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लोहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।
यूहन्ना 6 : 54 (HOV)
जो मेरा मांस खाता, और मेरा लोहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अंतिम दिन फिर उसे जिला उठाऊंगा।
यूहन्ना 6 : 55 (HOV)
क्योंकि मेरा मांस वास्तव में खाने की वस्तु है और मेरा लोहू वास्तव में पीने की वस्तु है।
यूहन्ना 6 : 56 (HOV)
जो मेरा मांस खाता और मेरा लोहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है, और मैं उस में।
यूहन्ना 6 : 57 (HOV)
जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा।
यूहन्ना 6 : 58 (HOV)
जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, बाप दादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।
यूहन्ना 6 : 59 (HOV)
ये बातें उस ने कफरनहूम के एक आराधनालय में उपदेश देते समय कहीं।
यूहन्ना 6 : 60 (HOV)
इसलिये उसके चेलों में से बहुतों ने यह सुनकर कहा, कि यह बात नागवार है; इसे कौन सुन सकता है?
यूहन्ना 6 : 61 (HOV)
यीशु ने अपने मन में यह जान कर कि मेरे चेले आपस में इस बात पर कुड़कुड़ाते हैं, उन से पूछा, क्या इस बात से तुम्हें ठोकर लगती है?
यूहन्ना 6 : 62 (HOV)
और यदि तुम मनुष्य के पुत्र को जहां वह पहिले था, वहां ऊपर जाते देखोगे, तो क्या होगा?
यूहन्ना 6 : 63 (HOV)
आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं: जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं।
यूहन्ना 6 : 64 (HOV)
परन्तु तुम में से कितने ऐसे हैं जो विश्वास नहीं करते: क्योंकि यीशु तो पहिले ही से जानता था कि जो विश्वास नहीं करते, वे कौन हैं और कौन मुझे पकड़वाएगा।
यूहन्ना 6 : 65 (HOV)
और उस ने कहा, इसी लिये मैं ने तुम से कहा था कि जब तक किसी को पिता की ओर यह वरदान न दिया जाए तक तक वह मेरे पास नहीं आ सकता।
यूहन्ना 6 : 66 (HOV)
इस पर उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले।
यूहन्ना 6 : 67 (HOV)
तब यीशु ने उन बारहों से कहा, क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?
यूहन्ना 6 : 68 (HOV)
शमौन पतरस ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं।
यूहन्ना 6 : 69 (HOV)
और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।
यूहन्ना 6 : 70 (HOV)
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या मैं ने तुम बारहों को नहीं चुन लिया? तौभी तुम में से एक व्यक्ति शैतान है।
यूहन्ना 6 : 71 (HOV)
यह उस ने शमौन इस्करियोती के पुत्र यहूदाह के विषय में कहा, क्योंकि यही जो उन बारहों में से था, उसे पकड़वाने को था॥

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