1 इतिहास 10 : 1 (ERVHI)
राजा शाऊल की मुत्यु पलिश्ती लोग इस्राएल के लोगों के विरुद्ध लड़े। इस्राए के लोग पलिश्तियों के सामने भाग खड़े हुए। बहुत से इस्राएली लगो गिलबो पर्वत पर मारे गए।
1 इतिहास 10 : 2 (ERVHI)
पलिश्ती लोग शाऊल और उसके पुत्रों का पीछा लगाता करते रहे। उन्होंने उनको पकड़ लिया और उन्हें मार डाला। पलिश्तियों ने शाऊल के पुत्रों का पीछा लगातार करते रहे। उन्होंने उनको पकड़ लिया और उन्हें मार डाला। पलिश्तियों ने शाऊल के पुत्रों योनातान, अबीनादाब और मल्कीशू को मार डाला।
1 इतिहास 10 : 3 (ERVHI)
शाऊल के चारों ओर युद्ध घमासान हो गया। धनुर्धारियों ने शाऊल पर अपने बाण छोड़े और उसे घायल कर दिया।
1 इतिहास 10 : 4 (ERVHI)
तब शाऊल ने अपने कवच वाहक से कहा, “अपनी तलवार बाहर खींचों और इसका उपयोग मुझे मारने में करो। तब वे खतनारहित जब आएंगे तो न मुझे चोट पहुँचायेंगे न ही मेरी हँसी उड़ायेंगे।” किन्तु शाऊल का कवच वाहक भयभीत था। उसने शाऊल को मारना अस्वीकार किया। तब शाऊल ने आपनी तलवार का उपयोग स्वयं को मारने के लिये किया। वह अपनी तलवार की नोक पर गिरा।
1 इतिहास 10 : 5 (ERVHI)
कवच वाहक ने देखा कि शाऊल मर गया। तब उसने स्वयं को भी मार डाला। वह अपनी तलवार की नोक पर गिरा और मर गया।
1 इतिहास 10 : 6 (ERVHI)
इस प्रकार शाऊल और उसके तीन पुत्र मर गए। शाऊल का सारा परिवार एक साथ मर गया।
1 इतिहास 10 : 7 (ERVHI)
1 इतिहास 10 : 8 (ERVHI)
घाटी में रहने वाले इस्राएल के सभी लोगों ने देखा कि उनकी अपनी सेना भाग गई। उन्होंने देखा कि शाऊल और उसके पुत्र मर गए।इसलिए उन्होंने अपने नगर छोड़े और भाग गए। तब पलिश्ती उन नगरों में आए जिन्हें इस्राएलियों ने छोड़ा दिया था और पलिश्ती उन नगरों में रहने लगे। अगले दिन, पलिश्ती लोग शवों की बहुमूल्य वस्तुएँ लेने आए। उन्होंने शाऊल के शव और उसके पुत्रों के शवों को गिबोन पर्वत पर पाया।
1 इतिहास 10 : 9 (ERVHI)
पलिश्तियों ने शाऊल के शव से चीजें उतारीं। उन्होंने शाऊल का सिर और कवच लिया। उन्होंने अपने पूरे देश में अपने असत्य देवताओं और लोगों को सूचना देने के लिये दूत भेजे।
1 इतिहास 10 : 10 (ERVHI)
पलिश्तियों ने शाऊल के कवच को अपने असत्य देवता के मन्दिर में रखा। उन्होंने शाऊल के सिर को दोगोन के मन्दिर में लटकाया।
1 इतिहास 10 : 11 (ERVHI)
याबेश गिलाद नगर में रहने वाले सब लोगों ने वह हर एक बात सुनी जो पलिश्ती लोगों ने शाऊल के साथ की थी।
1 इतिहास 10 : 12 (ERVHI)
याबेश के सभी वीर पुरुष शाऊल और उसके पुत्रों का शव लेने गए। वे उन्हें याबेश में शाउल और उसके पूत्रों का शव लेने गए। वे उन्हे याबेश में वापस ले आए। उन वीर पूरुषों ने शाउल और उसके पुत्रों की अस्थियों को, याबेश में एक विशाल पेड़ के नीचे दफनाया। तब उन्होंने अपना दुःख प्रकट किया और सात दिन तक उपवास रखा।
1 इतिहास 10 : 13 (ERVHI)
शाऊल इसलिये मरा कि वह यहोवा के प्रति विश्वासपात्र नहीं था। शाउल ने यहोवा के आदेशों का पालन नाहीं किया। शाऊल एक माध्यम के पास गया और
1 इतिहास 10 : 14 (ERVHI)
यहोवा को छोड़कर उससे सलाह माँगी। यही कारण है कि यहोवा ने उसे मार डाला और यिशै के पुत्र दाऊद को राज्य दिया।

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