निर्गमन 28 : 1 (ERVHI)
याजकों के वस्त्र “अपने भाई हारून और उसके पुत्रों नादाब, अबीहू, एलिआजार और ईतामर को इस्राएल के लोगों में से अपने पास आने को कहो। ये व्यक्ति मेरी सेव याजक के रूप में करेंगे।”
निर्गमन 28 : 2 (ERVHI)
“अपने भाई हारून के लिए विशेष वस्त्र बनाओ। ये वस्त्र उसे आदर और गौरव देंगे।
निर्गमन 28 : 3 (ERVHI)
लोगों में ऐसे कुशल कारीगर है जो ये वस्त्र बना सकते हैं। मैंने इन व्यक्तियों को विशेष बुद्धि दी है। उन लोगों से हारून के लिए वस्त्र बनाने को कहो। ये वस्त्र बताएंगे कि वह मेरी सेवा विशेष रूप से करता है। तब वह मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकता है।
निर्गमन 28 : 4 (ERVHI)
कारीगरों को इन वस्त्त्रों को बनाना चाहिए न्याय का थैला एपोद बिना बाँह की विशेष एपोद एक नीले रंग का लबादा, एक सफेद बुना चोगा, सिर को ढकने के लिए एक साफा और एक पटुका लोगों को ये विशेष वस्त्र तुम्हारे भाई हारून और उसके पुत्र मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकते हैं।
निर्गमन 28 : 5 (ERVHI)
लोगों से कहो कि वे सुनहरे धागों, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े उपयोग में लाएं।
निर्गमन 28 : 6 (ERVHI)
एपोद और पटुका “एपोद बनाने के लिए सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े का उपयोग करो। इस विशेष एपोद को कुशल कारीगर बनाएंगे।
निर्गमन 28 : 7 (ERVHI)
एपोद के हर एक कंधे पर पट्टी लगी होगी। कंधे की ये पट्टियाँ एपोद के दोनों कोनों पर बंधी होंगी।
निर्गमन 28 : 8 (ERVHI)
निर्गमन 28 : 9 (ERVHI)
“कारीगर बढ़ी सावधानी से एपोद पर बाँधने के लिए एक पटुका बुनेंगे। (यह पटुका उन्हीं चीज़ों का होगा जिनका एपोद, सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों और बैंगनी कपड़े।) “तुम्हें दो गोमेदक रत्न लेने चाहिए। इन नगों पर इस्राएल के बारह पुत्रों के नाम खोदो।
निर्गमन 28 : 10 (ERVHI)
छः नाम एक नग पर और छः नाम दूसरे नार पर। नामों को सबसे बड़े से सबसे छोटे के क्रम में लिखो।
निर्गमन 28 : 11 (ERVHI)
इस्राएल के पुत्रों के नामों को इन नगों पर खुदवाओ। यह उसी प्रकार करो जिस प्रकार वह व्यक्ति जो मुहरें बनाता है, शब्द और चित्रों को खोदता है। नग के चारों ओर सोना लगाओ जिससे उन्हें एपोद के कंधो पर टाँका जा सके।
निर्गमन 28 : 12 (ERVHI)
तब एपोद के हर एक कंधे के पट्टी पर इन दोनों नगों को जड़ो। हारून यहोवा के सम्मुख जब खड़ा होगा, इस विशेष एपोद को पहनेगा और इस्राएल के पुत्रों के नाम वाले दोनों नग एपोद पर होंगे। यह इस्राएल के लोगों को याद रखने में यहोवा की सहायता करेगा।
निर्गमन 28 : 13 (ERVHI)
अच्छा सोना ही नगों को एपोद पर ढाँकने के लिए उपयोग में लाओ।
निर्गमन 28 : 14 (ERVHI)
रस्सी की तरह एक में शुद्ध सोने की जंजीरे बटो। सोने की ऐसी दो जंजीरे बनाओ और सोने के जड़ाव के साथ इन्हें बांधो।”
निर्गमन 28 : 15 (ERVHI)
सीनाबन्द “महायाजक के लिए सीनाबन्द बनाओ। कुशल कारीगर इस सीनाबन्द को वैसे ही बनाए जैसे एपोद को बनाया। वे सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े का उपयोग करें।
निर्गमन 28 : 16 (ERVHI)
सीनाबन्द नौ इंच लम्बा और नौ इंच* नौ इंच शाब्दिक, “बालिस्त” अँगूठे के सिरे से छोटी अँगूली के सिरे तक की दूरी। चौड़ा होना चाहिए। चौकोर जेब बनाने के लिए इसकी दो तह करनी चाहिए।
निर्गमन 28 : 17 (ERVHI)
सीनाबन्द पर सुन्दर रत्नों की चार पक्तियाँ जड़ो। रत्नों की पहली पंक्ति में एक लाल, एक पुखराज और एक मर्कत मणि होनी चाहिए।
निर्गमन 28 : 18 (ERVHI)
दूसरी पंक्ति मे फिरोजा, नीलम तथा पन्ना होना चाहिए।
निर्गमन 28 : 19 (ERVHI)
तीसरी पंक्ति मे धुम्रकान्त, अकीक और याकूत लगना चाहिए।
निर्गमन 28 : 20 (ERVHI)
चौथी पंक्ति में लहसुनिया, गोमेदक रत्न और कपिश मणि लगानी चाहिए। सीनाबन्द पर इन्हें लगाने के लिए उन्हें सोने मे जड़ो।
निर्गमन 28 : 21 (ERVHI)
सीनाबन्द पर बारह रत्न होंगे जो इस्राएल के बारह पुत्रों का एक प्रतिनिधित्व करेंगे। हर एक नग पर इस्राएल के पुत्रों इस्राएल के पुत्रों अर्थात् बारह वंशों के नाम, ये नाम इस्राएल (याकूब) के बारह पुत्रों के नाम पर ही रखे गए थे। में से एक—एक का नाम लिखो। मुहर को तरह हर एक नग पर इन नामों को खोदो।
निर्गमन 28 : 22 (ERVHI)
“सीनाबन्द के चारो और जाती हुई सोने की जंजीरें बनाओ। ये जंजीर बटी हुई रस्सी की तरह होंगी।
निर्गमन 28 : 23 (ERVHI)
दो सोने के छल्ले बनाओ और इन्हें सीनाबन्द के दोनों कोनों पर लगाओ।
निर्गमन 28 : 24 (ERVHI)
(दोनों सुनहरी जंजीरों को सीनाबन्द में दोनों में लगे छल्लों में डालो।)
निर्गमन 28 : 25 (ERVHI)
सोने की जंजीरों को दूसरे सिरों को कंधे की पट्टियों पर के जड़ाव में लगाओ। जिससे वे एपोद के साथ सोने पर कसे रहें।
निर्गमन 28 : 26 (ERVHI)
दो अन्य सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें सीनाबन्द के दूसरे दोनों कोनों पर लगाओ। यह सीनाबन्द का भीतरी भाग एपोद के समीप होगा।
निर्गमन 28 : 27 (ERVHI)
दो और सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें कंधे की पट्टी के तले एपोद के सामने लगाओ। सोने के छल्लों को एपोद की पेटी के समीप ऊपर के स्थान पर लगाओ।
निर्गमन 28 : 28 (ERVHI)
सीनाबन्द के छल्लों को एपोद के छल्लों से जोड़ो। उन्हें पेटी से एक साथ जोड़ने के लिए नीली पट्टियों का उपयोग करो। इस प्रकार सीनाबन्द एपोद से अलग नहीं होगा।
निर्गमन 28 : 29 (ERVHI)
“हारून जब पवित्र स्थान में प्रवेश करे तो उसे इस सीनाबन्द को पहने रहना चाहिए। इस प्रकार इस्राएल के बारहों पुत्रों के नाम उसके मन में रहेंगे और यहोवा को सदा ही उन लोगों की याद दिलाई जाती रहेगी।
निर्गमन 28 : 30 (ERVHI)
ऊरीम और तुम्मीम को सीनाबन्द में रखो। हारून जब यहोवा के सामने जाएगा तब ये सभी चीज़ें उसे याद होंगी। इसलिए हारून जब यहोवा के सामने होगा तब वह इस्राएल के लोगों का न्याय करने का साधन सदा अपने साथ रखेगा।”
निर्गमन 28 : 31 (ERVHI)
याजक के अन्य वस्त्र “एपोद के नीचे पहनने के लिए एक चोगा बनाओ। चोगा केवल नीले कपड़े का बनाओ।
निर्गमन 28 : 32 (ERVHI)
सिर के लिए इस कपड़े के बीचोबीच एक छेद बनाओ। इस छेद के चारों ओर गोट लगाओ जिससे यह फटे नहीं।
निर्गमन 28 : 33 (ERVHI)
नीले, लाल और बैंगनी कपड़े के फुदने बनाओ जो अनार के आकार के हों। इन अनारों को चोगे के निचले सिरे में लटकाओ और उनके बीच सोने की घंटियाँ लटकाओ।
निर्गमन 28 : 34 (ERVHI)
इस प्रकार चोगे के निचले सिरे के चारों ओर क्रमशः एक अनार और एक सोने की घंटी होगी।
निर्गमन 28 : 35 (ERVHI)
हारून तब इस चोगे को पहनेगा जब वह याजक के रूप में सेवा करेगा और यहोवा के सामने पवित्र स्थान में जाएगा। जब वह पवित्र स्थान में प्रवेश करेगा और वहाँ से निकलेगा तब ये घंटियाँ बजेंगी। इस प्रकार हारून मरेगा नहीं। इस … नहीं इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है। इससे पता चलता रहेगा कि हारून जीवित है।
निर्गमन 28 : 36 (ERVHI)
“शुद्ध सोने का एक पतरा बनाओ। सोने में मुहर की तरह शब्द लिखो। ये शब्द लिखो: यहोवा के लिए पवित्र
निर्गमन 28 : 37 (ERVHI)
सोने के इस पतरे को उस पगड़ी पर लगाओ जो सिर को ढकने के लिए पहनी गयी है। उस पगड़ी से सोने के पतरे को बाँधने के लिए नीले कपड़े की पट्टी का उपयोग करो।
निर्गमन 28 : 38 (ERVHI)
हारून यह दर्शाने के लिए इसे अपने ललाट पर पहनेगा कि इस्राएल के लोगों ने अपने अपराधों के लिए जो पवित्र भेंटे यहोवा को अर्पित की है उनके अपराधों को प्रतीक रूप में हारून वहन कर रहा है। हारून जब भी यहोवा के सामने जाएगा ये सदा पहने रहेगा, ताकि यहोवा उन्हें स्वीकार कर ले।
निर्गमन 28 : 39 (ERVHI)
“लबादा बनाने के लिए सन के उत्तम रेशों को उपयोग में लाओ और उस कपड़े को बनाने के लिए भी सन के उत्तर रेशों को उपयोग में लाओ जो सिर को ढ़कता है, इसमें कढ़ाई कढ़ी होनी चाहिए।
निर्गमन 28 : 40 (ERVHI)
लबादा, पटुका और पगड़ियाँ हारून के पुत्रों के लिए भी बनाओ ये उन्हें गौरव तथा आदर देंगे।
निर्गमन 28 : 41 (ERVHI)
ये पोशाक अपने भाई हारून और उसके पुत्रों को पहनाओ। उसके बाद जैतून का तेल उनके सिर पर यह दिखाने के लिए डालो कि वे याजक हैं, यह उन्हें पवित्र बनायेगा। तब वे मेरी सेवा याजक के रूप में करेंगे।
निर्गमन 28 : 42 (ERVHI)
“उन के वस्त्रों को बनाने के लिए सन के उत्तम रेशों का उपयोग करो जो विशेष याजक के वस्त्रों के नीचे पहनने के लिए होंगे। ये अधोवस्त्र कमर से जाँघ तक पहने जाएंगे।
निर्गमन 28 : 43 (ERVHI)
हारून और उसके पुत्रों को इन वस्त्रों को ही पहनना चाहिए जब कभी वे मिलापवाले तम्बू में जाएं। उन्हें इन्हीं वस्त्रों को पहनना चाहिए जब कभी वे पवित्र स्थान में याजक के रूप में सेवा के लिए वेदी के समीप आएं। यदि वे इन पोशाकों को नहीं पहनेंगे, तो वे अपराध करेंगे और उन्हें मरना होगा। यह ऐसा नियम होना चाहिए जो हारून और उसके बाद उसके वंश के लोगों के लिए सदा के लिए बना रहेगा।”

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