एज्रा 2 : 1 (ERVHI)
छुटकर वापस आने वाले बन्दियों की सूची ये राज्य के वे व्यक्ति हैं जो बन्धुवाई से लौट कर आये। बीते समय में बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर उन लोगों को बन्दी के रूप में बाबेल लाया था। ये लोग यरूशलेम और यहूदा को वापस आए। हर एक व्यक्ति यहूदा में अपने—अपने नगर को वापस गया।
एज्रा 2 : 2 (ERVHI)
ये वे लोग हैं जो जरूब्बाबेल के साथ वापस आए: येशू, नहेम्याह, सहायाह, रेलायाह, मौर्दकै, बिलशान, मिस्पार, बिगवै, रहूम और बाना। यह इस्राएल के उन लोगों के नाम और उनकी संख्या है जो वापस लौटे:
एज्रा 2 : 6 (ERVHI)
येशू और योआब के परिवार के पहत्मोआब के वंशज#2,812
एज्रा 2 : 16 (ERVHI)
आतेर के वंशज हिजकिय्याह के पारिवारिक पीढ़ी से#98
एज्रा 2 : 25 (ERVHI)
किर्यतारीम, कपीरा और बेरोत नगरों से#743
एज्रा 2 : 31 (ERVHI)
एलाम नामक अन्य नगर से#1,254
एज्रा 2 : 33 (ERVHI)
लोद, हादीद और ओनो नगरों से#725
एज्रा 2 : 36 (ERVHI)
36 याजकों के नाम और उनकी संख्या की सूची यह है: यदायाह के वंशज (येशू की पारिवारिक पीढ़ी से)#973
एज्रा 2 : 40 (ERVHI)
40 लेवीवंशी कहे जाने वाले लेवी के परिवार की संख्या यह है: येशू और कदमिएल होदग्याह की पारिवारिक पीढ़ी से#74
एज्रा 2 : 41 (ERVHI)
41 गायकों की संख्या यह है: आसाप के वंशज#128
एज्रा 2 : 42 (ERVHI)
42 मन्दिर के द्वारपालों की संख्या यह है: शल्लूम, आतेर, तल्मोन, अक्कूब, हतीता और शोबै के वंशज#139
एज्रा 2 : 43 (ERVHI)
43 मन्दिर के विशेष सेवक ये हैं: ये सीहा, हसूपा और तब्बाओत के वंशज हैं।
एज्रा 2 : 55 (ERVHI)
55 ये सुलैमान के सेवकों के वंशज हैं: सोतै, हस्सोपेरेत और परूदा की सन्तानें।
एज्रा 2 : 57 (ERVHI)
शपत्याह, हत्तील, पोकरेतसबायीम।
एज्रा 2 : 58 (ERVHI)
मन्दिर के सेवक और सुलैमान के सेवकों के कुल वंशज#392
एज्रा 2 : 59 (ERVHI)
59 कुछ लोग इन नगरों से यरूशलेम आये: तेल्मेलह, तेलहर्शा, करूब, अद्दान और इम्मेर। किन्तु ये लोग यह प्रमाणित नहीं कर सके कि उनके परिवार इस्राएल के परिवार से हैं।
एज्रा 2 : 60 (ERVHI)
उनके नाम और उनकी संख्या यह है: दलायाह, तोबिय्याह और नकोदा के वंशज#652
एज्रा 2 : 61 (ERVHI)
61 यह याजकों के परिवारों के नाम हैं: हबायाह, हक्कोस और बर्जिल्लै के वंशज (एक व्यक्ति जिसने गिलादी के बर्जिल्लै की पुत्री से विवाह किया था और बर्जिल्लै के पारिवारिक नाम से ही जाना जाता था।)
एज्रा 2 : 62 (ERVHI)
इन लोगों ने अपने पारिवारिक इतिहासों की खोज की, किन्तु उसे पा न सके। उनके नाम याजकों की सूची में नहीं सम्मिलित किये गये थे। वे यह प्रमाणित नहीं कर सके कि उनके पूर्वज याजक थे। इसी कारण वे याजक नहीं हो सकते थे।
एज्रा 2 : 63 (ERVHI)
प्रशासक ने इन लोगों को आदेश दिया कि ये लोग कोई भी पवित्र भोजन न करें। वे तब तक इस पवित्र भोजन नहीं खा सकते जब तक एक याजक जो ऊरीम और तुम्मीम का उपयोग करके यहोवा से न पूछे कि क्या किया जाये।
एज्रा 2 : 64 (ERVHI)
(64-65)सब मिलाकर बयालीस हजार तीन सौ साठ लोग उन समूहों में थे जो वापस लौट आए। इसमें उनके सात हजार तीन सौ सैंतीस सेवक, सेविकाओं की गणना नहीं है और उनके साथ दो सौ गायक और गायिकाएं भी थीं।
एज्रा 2 : 66 (ERVHI)
(66-67)उनके पास सात सौ छत्तीस घोड़े, दो सौ पैंतालीस खच्चर, चार सौ पैंतीस ऊँट और छः हजार सात सौ बीस गधे थे।
एज्रा 2 : 68 (ERVHI)
वह समूह यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर को पहुँचा। तब परिवार के प्रमुखों ने यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये अपनी भेंटें दी। उन्होंने जो मन्दिर नष्ट हो गया था उसी के स्थान पर नया मन्दिर बनाना चाहा।
एज्रा 2 : 69 (ERVHI)
उन लोगों ने उतना दिया जितना वे दे सकते थे। ये वे चीज़ें हैं जिन्हें उन्होंने मन्दिर बनाने के लिये दिया: लगभग पाँच सौ किलो सोना, तीन टन चाँदी और याजकों के पहनने वाले सौ चोगे।
एज्रा 2 : 70 (ERVHI)
इस प्रकार याजक, लेवीवंशी और कुछ अन्य लोग यरूशलेम और उसके चारों ओर के क्षेत्र में बस गये। इस समूह में मन्दिर के गायक, द्वारपाल और मन्दिर के सेवक सम्मिलित थे। इस्राएल के अन्य लोग अपने निजी निवास स्थानों में बस गये।
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