यिर्मयाह 25 : 1 (ERVHI)
{यिर्मयाह के उपदेश का सार} [PS] यह वह सन्देश है, जो यहूदा के सभी लोगों से सम्बन्धित, यिर्मयाह को मिला। यह सन्देश यहोयाकीम के यहूदा में राज्यकाल के चौथे वर्ष में आया। यहोयाकीम योशिय्याह का पुत्र था। राजा के रूप में उसके राज्यकाल का चौथा वर्ष वही था जो बाबुल में नबूकदनेस्सर का पहला वर्ष था।
यिर्मयाह 25 : 2 (ERVHI)
यह वही सन्देश है जिसे यिर्मयाह नबी ने यहूदा के लोगों और यरूशलेम के लोगों को दिया। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 3 (ERVHI)
मैंने इन गत तेईस वर्षों में यहोवा के सन्देशों को तुम्हें बार—बार दिया है। मैं यहूदा के राजा आमोन के पुत्र योशिय्याह के राज्यकाल के तेरहवें वर्ष से नबी हूँ। मैंने उस समय से आज तक यहोवा के यहाँ से सन्देशों को तुम्हें दिया है। किन्तु तुमने उसे अनसुना किया है।
यिर्मयाह 25 : 4 (ERVHI)
यहोवा ने अपने सेवक नबियों को तुम्हारे पास बार—बार भेजा है। किन्तु तुमने उन्हें अनसुना किया है। तुमने उनकी ओर तनिक भी ध्यान नहीं दिया है। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 5 (ERVHI)
उन नबियों ने कहा, “अपने जीवन को बदलो। उन बुरे कामों को करना छोड़ो। यदि तुम बदल जाओगे, तो तुम उस भूमि पर वापस लौट और रह सकोगे जिसे यहोवा ने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को बहुत पहले दी थी। उसने यह भूमि तुम्हें सदैव रहने को दी।
यिर्मयाह 25 : 6 (ERVHI)
अन्य देवताओं का अनुसरण न करो। उनकी सेवा या उनकी पूजा न करो। उन मूर्तियों की पूजा न करो जिन्हें कुछ लोगों ने बनाया है। वह मुझे तुम पर केवल क्रोधित करता है। यह करना तुम्हें केवल चोट पहुँचाता है।” [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 7 (ERVHI)
“किन्तु तुमने मेरी अनसुनी की।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुमने उन मूर्तियों की पूजा की जिन्हें कुछ लोगों ने बनाया और उसने मुझे क्रोधित किया और उसने तुम्हें केवल चोट पहुँचाई।” [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 8 (ERVHI)
अत: सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, “तुमने मेरे सन्देश को अनसुना किया है।
यिर्मयाह 25 : 9 (ERVHI)
अत: मैं उत्तर के सभी परिवार समूहों को शीघ्र बुलाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं शीघ्र ही बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर को भेजूँगा। वह मेरा सेवक है। मैं उन लोगों को यहूदा देश और यहूदा के लोगों के विरुद्ध बुलाऊँगा। मैं उन्हें तुम्हारे चारों ओर के पड़ोसी राष्ट्रों के विरुद्ध भी लाऊँगा। मैं उन सभी देशों को नष्ट करुँगा। मैं उन देशों को सदैव के लिये सूनी मरुभूमि बना दूँगा। लोग उन देशों को देखेंगे और जिस बुरी तरह से वे नष्ट हुए हैं उस पर सीटी बजाएंगे।
यिर्मयाह 25 : 10 (ERVHI)
मैं उन स्थानों पर सुख और आनन्द की किलोलों को बन्द कर दूँगा। वहाँ भविष्य में दुल्हा—दुल्हनों की उमंग भरी हँसी ठिठोली न होगी। मैं चक्की चलाने लोगों के गीतों को दूर कर दूँगा। मैं दीपकों का उजाला खत्म करूँगा।
यिर्मयाह 25 : 11 (ERVHI)
वह सारा क्षेत्र ही सूनी मरुभूमि होगा। वे सारे लोग बाबुल के राजा के सत्तर वर्ष तक दास होंगे। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 12 (ERVHI)
“किन्तु जब सत्तर वर्ष बीत जाएंगे तो मैं बाबुल के राजा को दण्ड दूँगा। मैं बाबुल राष्ट्र को दण्ड दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं कसदियों के देश को उनके पाप के लिये दण्ड दूँगा। मैं उस देश को सदैव के लिये मरुभूमि बनाऊँगा।
यिर्मयाह 25 : 13 (ERVHI)
मैंने कहा है कि बाबुल पर अनेक विपत्तियाँ आएंगी। वे सभी चीज़ें घटित होंगी। यिर्मयाह ने उन विदेशी राज्यों के बारे में उपदेश दिया और वे सभी चेतावनियाँ इस पुस्तक में लिखी हैं।
यिर्मयाह 25 : 14 (ERVHI)
हाँ बाबुल के लोगों को कई राष्ट्रों और कई बड़े राजाओं की सेवा करनी पड़ेगी। मैं उन्हें उसके लिए उनको उचित दण्ड दूँगा जो सब वे करेंगे।” [PS]
यिर्मयाह 25 : 15 (ERVHI)
{विश्व के राष्ट्रों के साथ न्याय} [PS] इस्राएल के परमेशवर यहोवा ने यह सब मुझसे कहा, “यिर्मयाह, यह दाखमधु का प्याला मेरे हाथों से लो। यह मेरे क्रोध का दाखमधु है। मैं तुम्हें विभिन्न राष्ट्रों में भेज रहा हूँ। उन सभी राष्ट्रों को इस प्याले से पिलाओं।
यिर्मयाह 25 : 16 (ERVHI)
वे इस दाखमधु को पीएंगे। तब वे उलटी करेंगे और पागलों सा व्यवहार करेंगे। वे यह उन तलवारों के कारण ऐसा करेंगे जिन्हें मैं उनके विरुद्ध शीघ्र भेजूँगा।” [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 17 (ERVHI)
अत: मैंने यहोवा के हाथ से प्याला लिया। मैं उन राष्ट्रों में गया और उन लोगों को उस प्याले से पिलाया।
यिर्मयाह 25 : 18 (ERVHI)
मैंने इस दाखमधु को यरूशलेम और यहूदा के लोगों के लिये ढाला। मैंने यहूदा के राजाओं और प्रमुखों को इस प्याले से पिलाया। मैंने यह इसलिये किया कि वे सूनी मरूभूमि बन जायें। मैंने यह इसलिये किया कि यह स्थान इतनी बुरी तरह से नष्ट हो जाये कि लोग इसके बारे में सीटी बजाएं और इस स्थान को अभिशाप दें और यह हुआ, यहूदा अब उसी तरह का है। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 19 (ERVHI)
मैंने मिस्र के राजा फिरौन को भी प्याले से पिलाया। मैंने उसके अधिकारियों, उसके बड़े प्रमुखों और उसके सभी लोगों को यहोवा के क्रोध के प्याले से पिलाया। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 20 (ERVHI)
मैंने सभी अरबों और उस देश के सभी राजाओं को उस प्याले से पिलाया। [PE][PS] मैंने पलिश्ती देश के सभी राजाओं को उस प्याले से पिलाया। ये अश्कलोन, अज्जा, एक्रोन नगरों और अशदोद नगर के बचे भाग के राजा थे। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 21 (ERVHI)
तब मैंने एदोम, मोआब और अम्मोन के लोगों को उस प्याले से पियाला। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 22 (ERVHI)
मैंने सोर और सीदोन के राजाओं को उस प्याले से पिलाया। [PE][PS] मैंने बहुत दूर से देशों के राजाओं को भी उस प्याले से पिलाया।
यिर्मयाह 25 : 23 (ERVHI)
मैंने ददान, तेमा और बूज के लोगों को उस प्याले से पिलाया। मैंने उन सबको उस प्याले से पिलाया जो अपने गाल के बालों को काटते हैं।
यिर्मयाह 25 : 24 (ERVHI)
मैंने अरब के सभी राजाओं को उस प्याले से पिलाया। ये राजा मरुभूमि में रहते हैं।
यिर्मयाह 25 : 25 (ERVHI)
मैंने जिम्री, एलाम और मादै के सभी राजाओं को उस प्याले से पिलाया।
यिर्मयाह 25 : 26 (ERVHI)
मैंने उत्तर के सभी समीप और दूर के राजाओं को उस प्याले से पिलाया। मैंने एक के बाद दूसरे को पिलाया। मैंने पृथ्वी पर के सभी राज्यों को यहोवा के क्रोध के उस प्याले से पिलाया। किन्तु बाबुल का राजा इन सभी अन्य राष्ट्रों के बाद इस प्याले से पीएगा। [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 27 (ERVHI)
“यिर्मयाह, उन राष्ट्रों से कहो कि इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘मेरे क्रोध के इस प्याले को पीओ। उसे पीकर मत्त हो जाओ और उलटियाँ करो। गिर पड़ो और उठो नहीं, क्योंकि तुम्हें मार डालने के लिये मैं तलवार भेज रहा हूँ।’ [PE][PS]
यिर्मयाह 25 : 28 (ERVHI)
“वे लोग तुम्हारे हाथ से प्याला लेने से इन्कार करेंगे। वे इसे पीने से इन्कार करेंगे। किन्तु तुम उनसे यह कहोगे, ‘सर्वशक्तिमान यहोवा यह बातें बताता है: तुम निश्चय ही इस प्याले से पियोगे।
यिर्मयाह 25 : 29 (ERVHI)
मैं अपने नाम पर पुकारे जाने वाले यरूशलेम नगर पर पहले ही बुरी विपत्तियाँ ढाने जा रहा हूँ। सम्भव है कि तुम लोग सोचो कि तुम्हें दण्ड नहीं मिलेगा। किन्तु तुम गलत सोच रहे हो। तुम्हें दण्ड मिलेगा। मैं पृथ्वी के सभी लोगों पर आक्रमण करने के लिये तलवार मंगाने जा रहा हूँ।’ ” यह सन्देश यहोवा का है। [PS]
यिर्मयाह 25 : 30 (ERVHI)
“यिर्मयाह, तुम उन्हें यह सन्देश दोगे: [QBR] ‘यहोवा ऊँचे और पवित्र मन्दिर से गर्जना कर रहा है! [QBR2] यहोवा अपनी चरागाह (लोग) के विरुद्ध चिल्लाकर कह रहा है! [QBR] उसकी चिल्लाहट वैसी ही ऊँची है, [QBR2] जैसे उन लोगों की, जो अंगूरों को दाखमधु बनाने के लिये पैरों से कुचलते हैं। [QBR]
यिर्मयाह 25 : 31 (ERVHI)
वह चिल्लाहट पृथ्वी के सभी लोगों तक जाती है। [QBR2] यह चिल्लाहट किस बात के लिये है [QBR] यहोवा सभी राष्ट्रों के लोगों को दण्ड दे रहा है। [QBR2] यहोवा ने अपने तर्कपूर्ण निर्णय लोगों के विरुद्ध दिये। [QBR] उसने लोगों के साथ न्याय किया [QBR2] और वह बुरे लोगों को तलवार के घाट उतार रहा है।’ ” [QBR] यह सन्देश यहोवा का है।
यिर्मयाह 25 : 32 (ERVHI)
सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है: [QBR] “एक देश से दूसरे देश तक [QBR2] शीघ्र ही बरबादी आएगी! [QBR] वह शक्तिशाली आँधी की तरह [QBR2] पृथ्वी के सभी अति दूर के देशों में आएगी!” [PS]
यिर्मयाह 25 : 33 (ERVHI)
उन लोगों के शव देश के एक सिरे से दूसरे सिरे को पहुँचेंगे। कोई भी उन मरों के लिये नहीं रोएगा। कोई भी यहोवा द्वारा मारे गये उनके शवों को इकट्ठा नहीं करेगा और दफनायेगा नहीं। वे गोबर की तरह जमीन पर पड़े छोड़ दिये जाएंगे।
यिर्मयाह 25 : 34 (ERVHI)
गडरियों (प्रमुखों), तुम्हें भेड़ों (लोगों) को राह दिखानी चाहिये। [QBR2] बड़े प्रमुखों, तुम जोर से चिल्लाना आरम्भ करो। [QBR2] भेड़ों (लोगों) के प्रमुखों, पीड़ा से तड़पते हुए जमीन पर लेटो। [QBR] क्यों क्योंकि अब तुम्हारे मृत्यु के घाट उतारे जाने का समय आ गया है। [QBR] मैं तुम्हारी भेड़ें को बिखेरुँगा। [QBR2] वे टूटे घड़े के ठीकरों की तरह चारों ओर बिखेरेंगे। [QBR]
यिर्मयाह 25 : 35 (ERVHI)
गडेरियों (प्रमुखों) के छिपने के लिये कोई स्थान नहीं होगा। [QBR] वे प्रमुख बचकर नहीं निकल पाएंगे। [QBR]
यिर्मयाह 25 : 36 (ERVHI)
मैं गडेरियों (प्रमुखों) का शोर मचाना सुन रहा हूँ। [QBR2] मैं भेड़ों (लोगों) के प्रमुखों का रोना सुन रहा हूँ। [QBR] यहोवा उनकी चरागाह (देश) को नष्ट कर रहा है। [QBR]
यिर्मयाह 25 : 37 (ERVHI)
वे शान्त चरागाहें सूनी मरूभूमि सी हैं। [QBR2] यह हुआ, क्योंकि यहोवा बहुत क्रोधित है। [QBR]
यिर्मयाह 25 : 38 (ERVHI)
यहोवा अपनी माद छोड़ते हुए सिंह की तरह खतरनाक है। [QBR2] यहोवा क्रोधित है! [QBR] यहोवा का क्रोध उन लोगों को चोट पहुँचाएगा। [QBR2] उनका देश सूनी मरुभूमि बन जाएगा। [PE]

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