भजन संहिता 111 : 1 (ERVHI)
यहोवा के गुण गाओ! यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ [QBR2] जहाँ सज्जन मिला करते हैं। [QBR]
भजन संहिता 111 : 2 (ERVHI)
यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं। [QBR2] लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 3 (ERVHI)
परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं। [QBR2] उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 4 (ERVHI)
परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें [QBR2] कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 5 (ERVHI)
परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है। [QBR2] परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 6 (ERVHI)
परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया [QBR2] कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 7 (ERVHI)
परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है। [QBR2] उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं। [QBR]
भजन संहिता 111 : 8 (ERVHI)
परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे। [QBR2] परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे। [QBR]
भजन संहिता 111 : 9 (ERVHI)
परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है। [QBR2] परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है। [QBR]
भजन संहिता 111 : 10 (ERVHI)
विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है। [QBR2] वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं। [QBR] यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी। [PE]

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