भजन संहिता 112 : 1 (ERVHI)
यहोवा की प्रशंसा करो! ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है। वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं।
भजन संहिता 112 : 2 (ERVHI)
धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी। अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी।
भजन संहिता 112 : 3 (ERVHI)
ऐसे व्यक्ति का घराना बहुत धनवान होगा और उसकी धार्मिकता सदा सदा बनी रहेगी।
भजन संहिता 112 : 4 (ERVHI)
सज्जनों के लिये परमेश्वर ऐसा होता है जैसे अंधेरे में चमकता प्रकाश हो। परमेश्वर खरा है, और करूणापूर्ण है और दया से भरा है।
भजन संहिता 112 : 5 (ERVHI)
मनुष्य को अच्छा है कि वह दयालु और उदार हो। मनुष्य को यह उत्तम है कि वह अपने व्यापार में खरा रहे।
भजन संहिता 112 : 6 (ERVHI)
ऐसा व्यक्ति का पतन कभी नहीं होगा। एक अच्छे व्यक्ति को सदा याद किया जायेगा।
भजन संहिता 112 : 7 (ERVHI)
सज्जन को विपद से डरने की जरूरत नहीं। ऐसा व्यक्ति यहोवा के भरोसे है आश्वस्त रहता है।
भजन संहिता 112 : 8 (ERVHI)
ऐसा व्यक्ति आश्वस्त रहता है। वह भयभीत नहीं होगा। वह अपने शत्रुओं को हरा देगा।
भजन संहिता 112 : 9 (ERVHI)
ऐसा व्यक्ति दीन जनों को मुक्त दान देता है। उसके पुण्य कर्म जिन्हें वह करता रहता है वह सदा सदा बने रहेंगे।
भजन संहिता 112 : 10 (ERVHI)
कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे। वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे। दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं।
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