भजन संहिता 113 : 1 (ERVHI)
यहोवा की प्रशंसा करो! [QBR] हे यहोवा के सेवकों यहोवा की स्तुति करो, उसका गुणगान करो! [QBR2] यहोवा के नाम की प्रशंसा करो! [QBR]
भजन संहिता 113 : 2 (ERVHI)
यहोवा का नाम आज और सदा सदा के लिये और अधिक धन्य हो। [QBR2] यह मेरी कामना है। [QBR]
भजन संहिता 113 : 3 (ERVHI)
मेरी यह कामना है, यहोवा के नाम का गुण पूरब से जहाँ सूरज उगता है, [QBR2] पश्चिम तक उस स्थान में जहाँ सूरज डूबता है गाया जाये। [QBR]
भजन संहिता 113 : 4 (ERVHI)
यहोवा सभी राष्ट्रों से महान है। [QBR2] उसकी महिमा आकाशों तक उठती है। [QBR]
भजन संहिता 113 : 5 (ERVHI)
हमारे परमेश्वर के समान कोई भी व्यक्ति नहीं है। [QBR2] परमेश्वर ऊँचे अम्बर में विराजता है। [QBR]
भजन संहिता 113 : 6 (ERVHI)
ताकि परमेश्वर अम्बर [QBR2] और नीचे धरती को देख पाये। [QBR]
भजन संहिता 113 : 7 (ERVHI)
परमेश्वर दीनों को धूल से उठाता है। [QBR2] परमेश्वर भिखारियों को कूड़े के घूरे से उठाता है। [QBR]
भजन संहिता 113 : 8 (ERVHI)
परमेश्वर उन्हें महत्त्वपूर्ण बनाता है। [QBR2] परमेश्वर उन लोगों को महत्त्वपूर्ण मुखिया बनाता है। [QBR]
भजन संहिता 113 : 9 (ERVHI)
चाहै कोई निपूती बाँझ स्त्री हो, परमेश्वर उसे बच्चे दे देगा [QBR2] और उसको प्रसन्न करेगा। यहोवा का गुणगान करो! [PE]

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