भजन संहिता 116 : 1 (ERVHI)
जब यहोवा मेरी प्रार्थनाएँ सुनता है [QBR2] यह मुझे भाता है। [QBR]
भजन संहिता 116 : 2 (ERVHI)
जब मै सहायता पाने उसको पुकारता हूँ वह मेरी सुनता है: [QBR2] यह मुझे भाता है। [QBR]
भजन संहिता 116 : 3 (ERVHI)
मैं लगभग मर चुका था। [QBR2] मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी। [QBR2] मैं भयभीत था और मैं चिंतित था। [QBR]
भजन संहिता 116 : 4 (ERVHI)
तब मैंने यहोवा के नाम को पुकारा, [QBR2] मैंने कहा, “यहोवा, मुझको बचा ले।” [QBR]
भजन संहिता 116 : 5 (ERVHI)
यहोवा खरा है और दयापूर्ण है। [QBR2] परमेश्वर करूणापूर्ण है। [QBR]
भजन संहिता 116 : 6 (ERVHI)
यहोवा असहाय लोगों की सुध लेता है। [QBR2] मैं असहाय था और यहोवा ने मुझे बचाया। [QBR]
भजन संहिता 116 : 7 (ERVHI)
हे मेरे प्राण, शांत रह। [QBR2] यहोवा तेरी सुधि रखता है। [QBR]
भजन संहिता 116 : 8 (ERVHI)
हे परमेश्वर, तूने मेरे प्राण मृत्यु से बचाये। [QBR2] मेरे आँसुओं को तूने रोका और गिरने से मुझको तूने थाम लिया। [QBR]
भजन संहिता 116 : 9 (ERVHI)
जीवितों की धरती में मैं यहोवा की सेवा करता रहूँगा।
भजन संहिता 116 : 10 (ERVHI)
यहाँ तक मैंने विश्वास बनाये रखा जब मैंने कह दिया था, [QBR2] “मैं बर्बाद हो गया!” [QBR]
भजन संहिता 116 : 11 (ERVHI)
मैंने यहाँ तक विश्वास सम्भाले रखा जब कि मैं भयभीत था [QBR2] और मैंने कहा, “सभी लोग झूठे हैं!”
भजन संहिता 116 : 12 (ERVHI)
मैं भला यहोवा को क्या अर्पित कर सकता हूँ [QBR2] मेरे पास जो कुछ है वह सब यहोवा का दिया है! [QBR]
भजन संहिता 116 : 13 (ERVHI)
मैं उसे पेय भेंट दूँगा [QBR2] क्योंकि उसने मुझे बचाया है। [QBR2] मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। [QBR]
भजन संहिता 116 : 14 (ERVHI)
जो कुछ मन्नतें मैंने मागी हैं वे सभी मैं यहोवा को अर्पित करूँगा, [QBR2] और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा।
भजन संहिता 116 : 15 (ERVHI)
किसी एक की भी मृत्यु जो यहोवा का अनुयायी है, यहोवा के लिये अति महत्त्वपूर्ण है। [QBR2] हे यहोवा, मैं तो तेरा एक सेवक हूँ! [QBR]
भजन संहिता 116 : 16 (ERVHI)
मैं तेरा सेवक हूँ। [QBR2] मैं तेरी किसी एक दासी का सन्तान हूँ। [QBR2] यहोवा, तूने ही मुझको मेरे बंधनों से मुक्त किया! [QBR]
भजन संहिता 116 : 17 (ERVHI)
मैं तुझको धन्यवाद बलि अर्पित करूँगा। [QBR2] मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। [QBR]
भजन संहिता 116 : 18 (ERVHI)
मैं यहोवा को जो कुछ भी मन्नतें मानी है वे सभी अर्पित करूँगा, [QBR2] और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा। [QBR]
भजन संहिता 116 : 19 (ERVHI)
मैं मन्दिर में जाऊँगा [QBR2] जो यरूशलेम में है। यहोवा के गुण गाओ! [PE]
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