भजन संहिता 12 : 8 (ERVHI)
ये दुर्जन अकड़े और बने ठने घूमते हैं। किन्तु वे ऐसे होते हैं जैसे कोई नकली आभूषण धारण करता है जो देखने में मूल्यवान लगते हैं, किन्तु वास्तव में बहुत ही सस्ते होते हैं।

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