भजन संहिता 123 : 1 (ERVHI)
हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ। [QBR2] तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है। [QBR]
भजन संहिता 123 : 2 (ERVHI)
दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है। [QBR2] दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं। [QBR] इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है। [QBR2] ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं। [QBR]
भजन संहिता 123 : 3 (ERVHI)
हे यहोवा, हम पर कृपालु है। [QBR2] दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है। [QBR]
भजन संहिता 123 : 4 (ERVHI)
अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं। [QBR2] ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं। [PE]

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