भजन संहिता 128 : 1 (ERVHI)
यहोवा के सभी भक्त आनन्दित रहते हैं। वे लोग परमेश्वर जैसा चाहता, वैसा गाते हैं।
भजन संहिता 128 : 2 (ERVHI)
तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
भजन संहिता 128 : 3 (ERVHI)
घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी। मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है।
भजन संहिता 128 : 4 (ERVHI)
इस प्रकार यहोवा अपने अनुयायिओं को सचमुच आशीष देगा।
भजन संहिता 128 : 5 (ERVHI)
यहोवा सिय्योन से तुझ को आशीर्वाद दे यह मेरी कामना है। जीवन भर यरुशलेम में तुझको वरदानों का आनन्द मिले।
भजन संहिता 128 : 6 (ERVHI)
तू अपने नाती पोतों को देखने के लिये जीता रहे यह मेरी कामना है। इस्राएल में शांति रहे।

1 2 3 4 5 6

BG:

Opacity:

Color:


Size:


Font: