भजन संहिता 132 : 1 (ERVHI)
मन्दिर का आरोहण गीत। हे यहोवा, जैसे दाऊद ने यातनाएँ भोगी थी, उसको याद कर।
भजन संहिता 132 : 2 (ERVHI)
किन्तु दाऊद ने यहोवा की एक मन्नत मानी थी। दाऊद ने इस्राएल के पराक्रमी परमेश्वर की एक मन्नत मानी थी।
भजन संहिता 132 : 3 (ERVHI)
दाऊद ने कहा था: “मैं अपने घर में तब तक न जाऊँगा, अपने बिस्तर पर न ही लेटूँगा,
भजन संहिता 132 : 4 (ERVHI)
न ही सोऊँगा। अपनी आँखों को मैं विश्राम तक न दूँगा।
भजन संहिता 132 : 5 (ERVHI)
इसमें से मैं कोई बात भी नहीं करूँगा जब तक मैं यहोवा के लिए एक भवन न प्राप्त कर लूँ। मैं इस्राएल के शक्तिशाली परमेश्वर के लिए एक मन्दिर पा कर रहूँगा!”
भजन संहिता 132 : 6 (ERVHI)
एप्राता में हमने इसके विषय में सुना, हमें किरीयथ योरीम के वन में वाचा की सन्दूक मिली थी।
भजन संहिता 132 : 7 (ERVHI)
आओ, पवित्र तम्बू में चलो। आओ, हम उस चौकी पर आराधना करें, जहाँ पर परमेश्वर अपने चरण रखता है।
भजन संहिता 132 : 8 (ERVHI)
हे यहोवा, तू अपनी विश्राम की जगह से उठ बैठ, तू और तेरी सामर्थ्यवान सन्दूक उठ बैठ।
भजन संहिता 132 : 9 (ERVHI)
हे यहोवा, तेरे याजक धार्मिकता धारण किये रहते हैं। तेरे जन बहुत प्रसन्न रहते हैं।
भजन संहिता 132 : 10 (ERVHI)
तू अपने चुने हुये राजा को अपने सेवक दाऊद के भले के लिए नकार मत।
भजन संहिता 132 : 11 (ERVHI)
यहोवा ने दाऊद को एक वचन दिया है कि दाऊद के प्रति वह सच्चा रहेगा। यहोवा ने वचन दिया है कि दाऊद के वंश से राजा आयेंगे।
भजन संहिता 132 : 12 (ERVHI)
यहोवा ने कहा था, “यदि तेरी संतानें मेरी वाचा पर और मैंने उन्हें जो शिक्षाएं सिखाई उन पर चलेंगे तो फिर तेरे परिवार का कोई न कोई सदा ही राजा रहेगा।”
भजन संहिता 132 : 13 (ERVHI)
अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था। यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था।
भजन संहिता 132 : 14 (ERVHI)
यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा। मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
भजन संहिता 132 : 15 (ERVHI)
भरपूर भोजन से मैं इस नगर को आशीर्वाद दूँगा, यहाँ तक कि दीनों के पास खाने को भर—पूर होगा।
भजन संहिता 132 : 16 (ERVHI)
याजकोंको मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, और यहाँ मेरे भक्त बहुत प्रसन्न रहेंगे।
भजन संहिता 132 : 17 (ERVHI)
इस स्थान पर मैं दाऊद को सुदृढ करुँगा। मैं अपने चुने राजा को एक दीपक दूँगा।
भजन संहिता 132 : 18 (ERVHI)
मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”
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