भजन संहिता 141 : 1 (ERVHI)
हे यहोवा, मैं तुझको सहायता पाने के लिये पुकारता हूँ। [QBR2] जब मैं विनती करुँ तब तू मेरी सुन ले। [QBR2] जल्दी कर और मुझको सहारा दे। [QBR]
भजन संहिता 141 : 2 (ERVHI)
हे यहोवा, मेरी विनती तेरे लिये जलती धूप के उपहार सी हो [QBR2] मेरी विनती तेरे लिये दी गयी साँझ कि बलि सी हो।
भजन संहिता 141 : 3 (ERVHI)
हे यहोवा, मेरी वाणी पर मेरा काबू हो। [QBR2] अपनी वाणी पर मैं ध्यान रख सकूँ, इसमें मेरा सहायक हो। [QBR]
भजन संहिता 141 : 4 (ERVHI)
मुझको बुरी बात मत करने दे। [QBR2] मुझको रोके रह बुरों की संगती से उनके सरस भोजन से और बुरे कामों से। [QBR2] मुझे भाग मत लेने दे ऐसे उन कामों में जिन को करने में बुरे लोग रख लेते हैं। [QBR]
भजन संहिता 141 : 5 (ERVHI)
सज्जन मेरा सुधार कर सकता है। [QBR2] तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा। [QBR] मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा। [QBR2] क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ। [QBR] उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं। [QBR]
भजन संहिता 141 : 6 (ERVHI)
उनके राजाओं को दण्डित होने दे [QBR2] और तब लोग जान जायेंगे कि मैंने सत्य कहा था।
भजन संहिता 141 : 7 (ERVHI)
लोग खेत को खोद कर जोता करते हैं और मिट्टी को इधर—उधर बिखेर देते हैं। [QBR2] उन दुष्टों कि हड्डियाँ इसी तरह कब्रों में इधर—उधर बिखरेंगी। [QBR]
भजन संहिता 141 : 8 (ERVHI)
हे यहोवा, मेरे स्वामी, सहारा पाने को मेरी दृष्टि तुझ पर लगी है। [QBR2] मुझको तेरा भरोसा है। कृपा कर मुझको मत मरने दे। [QBR]
भजन संहिता 141 : 9 (ERVHI)
मुझको दुष्टों के फँदों में मत पड़ने दे। [QBR2] उन दुष्टों के द्वारा मुझ को मत बंध जाने दे। [QBR]
भजन संहिता 141 : 10 (ERVHI)
वे दुष्ट स्वयं अपने जालों में फँस जायें [QBR2] जब मैं बचकर निकल जाऊँ। [QBR2] बिना हानि उठाये। [PE]

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