भजन संहिता 20 : 1 (ERVHI)
तेरी पुकार का यहोवा उत्तर दे, और जब तू विपति में हो [QBR2] तो याकूब का परमेश्वर तेरे नाम को बढ़ाये। [QBR]
भजन संहिता 20 : 2 (ERVHI)
परमेश्वर अपने पवित्रस्थान से तेरी सहायता करे। [QBR2] वह तुझको सिय्योन से सहारा देवे। [QBR]
भजन संहिता 20 : 3 (ERVHI)
परमेश्वर तेरी सब भेंटों को याद रखे, [QBR2] और तेरे सब बलिदानों को स्वीकार करें। [QBR]
भजन संहिता 20 : 4 (ERVHI)
परमेश्वर तुझे उन सभी वस्तुओं को देवे जिन्हें तू सचमुच चाहे। [QBR2] वह तेरी सभी योजनाएँ पूरी करें। [QBR]
भजन संहिता 20 : 5 (ERVHI)
परमेश्वर जब तेरी सहायता करे हम अति प्रसन्न हों [QBR2] और हम परमेश्वर की बढ़ाई के गीत गायें। [QBR] जो कुछ भी तुम माँगों यहोवा तुम्हें उसे दे।
भजन संहिता 20 : 6 (ERVHI)
मैं अब जानता हूँ कि यहोवा सहायता करता है अपने उस राजा की जिसको उसने चुना। [QBR2] परमेश्वर तो अपने पवित्र स्वर्ग में विराजा है और उसने अपने चुने हुए राजा को, उत्तर दिया [QBR2] उस राजा की रक्षा करने के लिये परमेश्वर अपनी महाशक्ति को प्रयोग में लाता है। [QBR]
भजन संहिता 20 : 7 (ERVHI)
कुछ को भरोसा अपने रथों पर है, और कुछ को निज सैनिकों पर भरोसा है [QBR2] किन्तु हम तो अपने यहोवा परमेश्वर को स्मरण करते हैं। [QBR]
भजन संहिता 20 : 8 (ERVHI)
किन्तु वे लोग तो पराजित और युद्ध में मारे गये [QBR2] किन्तु हम जीते और हम विजयी रहे।
भजन संहिता 20 : 9 (ERVHI)
ऐसा कैसा हुआ क्योंकि यहोवा ने अपने चुने हुए राजा की रक्षा की [QBR2] उसने परमेश्वर को पुकारा था और परमेश्वर ने उसकी सुनी। [PE]

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