भजन संहिता 30 : 1 (ERVHI)
मन्दिर के समर्पण के लिए दाऊद का एक पद। हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियों से मेरा उद्धार किया है। तूने मेरे शत्रुओं को मुझको हराने और मेरी हँसी उड़ाने नहीं दी। सो मैं तेरे प्रति आदर प्रकट करुँगा।

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