मेरे उत्तम परमेश्वर, [QBR2] जब मैं तुझे पुकारुँ, मुझे उत्तर दे। [QBR] मेरी विनती को सुन और मुझ पर कृपा कर। [QBR2] जब कभी विपत्तियाँ मुझको घेरें तू मुझ को छुड़ा ले।
भजन संहिता 4 : 2 (ERVHI)
अरे लोगों, कब तक तुम मेरे बारे में अपशब्द कहोगे [QBR2] तुम लोग मेरे बारे में कहने के लिये नये झूठ ढूँढते रहते हो। उन झूठों को कहने से तुम लोग प्रीति रखते हो।
भजन संहिता 4 : 3 (ERVHI)
तुम जानते हो कि अपने नेक जनों की यहोवा सुनता है! [QBR2] जब भी मैं यहोवा को पुकारता हूँ, वह मेरी पुकार को सुनता है।
भजन संहिता 4 : 4 (ERVHI)
यदि कोई वस्तु तुझे झमेले में डाले, तू क्रोध कर सकता है, किन्तु पाप कभी मत करना। [QBR] जब तू अपने बिस्तर में जाये तो सोने से पहले उन बातों पर विचार कर और चुप रह। [QBR]
भजन संहिता 4 : 5 (ERVHI)
समुचित बलियाँ परमेश्वर को अर्पित कर [QBR2] और तू यहोवा पर भरोसा बनाये रख।
भजन संहिता 4 : 6 (ERVHI)
बहुत से लोग कहते हैं, “परमेश्वर की नेकी हमें कौन दिखायेगा [QBR2] हे यहोवा, अपने प्रकाशमान मुख का प्रकाश मुझ पर चमका।” [QBR]
भजन संहिता 4 : 7 (ERVHI)
हे यहोवा, तुने मुझे बहुत प्रसन्न बना दिया। कटनी के समय भरपूर फसल और दाखमधु पाकर जब हम आन्नद और उल्लास मनाते हैं उससे भी कहीं अधिक प्रसन्न मैं अब हूँ। [QBR]
भजन संहिता 4 : 8 (ERVHI)
मैं बिस्तर में जाता हूँ और शांति से सोता हूँ। [QBR2] क्योंकि यहोवा, तू ही मुझको सुरक्षित सोने को लिटाता है। [PE]