भजन संहिता 40 : 1 (ERVHI)
यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी। [QBR2] उसने मेरे रुदन को सुन लिया। [QBR]
भजन संहिता 40 : 2 (ERVHI)
यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा। [QBR2] उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया, [QBR] और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया। [QBR2] उसने ही मेरे कदमों को टिकाया। [QBR]
भजन संहिता 40 : 3 (ERVHI)
यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया। [QBR2] परमेश्वर का एक स्तुति गीत। [QBR] बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है। [QBR] और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे। [QBR2] वे यहोवा का विश्वास करेंगे। [QBR]
भजन संहिता 40 : 4 (ERVHI)
यदि कोई जन यहोवा के भरोसे रहता है, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। [QBR2] और यदि कोई जन मूर्तियों और मिथ्या देवों की शरणमें नहीं जायेगा, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। [QBR]
भजन संहिता 40 : 5 (ERVHI)
हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने बहुतेरे अद्भुत कर्म किये हैं। [QBR2] हमारे लिये तेरे पास अद्भुत योजनाएँ हैं। [QBR] कोई मनुष्य नहीं जो उसे गिन सके! [QBR2] मैं तेरे किये हुए कामों को बार बार बखानूँगा।
भजन संहिता 40 : 6 (ERVHI)
हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है: [QBR2] तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था। [QBR2] कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए। [QBR]
भजन संहिता 40 : 7 (ERVHI)
सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ! [QBR2] पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।” [QBR]
भजन संहिता 40 : 8 (ERVHI)
हे मेरे परमेश्वर, मैं वही करना चाहता हूँ जो तू चाहता है। [QBR2] मैंने मन में तेरी शिक्षओं को बसा लिया। [QBR]
भजन संहिता 40 : 9 (ERVHI)
महासभा के मध्य मैं तेरी धार्मिकता का सुसन्देश सुनाऊँगा। [QBR2] यहोवा तू जानता है कि मैं अपने मुँह को बंद नहीं रखूँगा। [QBR]
भजन संहिता 40 : 10 (ERVHI)
यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा। [QBR2] उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा। [QBR] हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा। [QBR2] मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा। [QBR]
भजन संहिता 40 : 11 (ERVHI)
इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा! [QBR2] तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर।
भजन संहिता 40 : 12 (ERVHI)
मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, [QBR2] वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। [QBR] मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, [QBR2] और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। [QBR] मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। [QBR2] मेरा साहस मुझसे खो चुका है। [QBR]
भजन संहिता 40 : 13 (ERVHI)
हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर! [QBR2] आ, देर मत कर, मुझे बचा ले! [QBR]
भजन संहिता 40 : 14 (ERVHI)
वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं। [QBR2] हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर [QBR2] और उनको निराश कर दे। [QBR] वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। [QBR2] तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे! [QBR]
भजन संहिता 40 : 15 (ERVHI)
वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं। [QBR2] उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें! [QBR]
भजन संहिता 40 : 16 (ERVHI)
किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो। [QBR2] वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है।
भजन संहिता 40 : 17 (ERVHI)
हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ। [QBR2] मेरी रक्षा कर, [QBR] तू मुझको बचा ले। [QBR2] हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर! [PE]
❮
❯