भजन संहिता 48 : 1 (ERVHI)
*एक भक्ति गीत; कोरह परीवार का एक पद। *यहोवा महान है! वह परमेश्वर के नगर, उसके पवित्र नगर में प्रशंसनीय है।
भजन संहिता 48 : 2 (ERVHI)
परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है। धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है। सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है। यह नगर महा सम्राट का है।
भजन संहिता 48 : 3 (ERVHI)
उस नगर के महलों में परमेश्वर को सुरक्षास्थल कहा जाता है।
भजन संहिता 48 : 4 (ERVHI)
एकबार कुछ राजा आपस में आ मिले और उन्हेंने इस नगर पर आक्रमण करने का कुचक्र रचा। सभी साथ मिलकर चढ़ाई के लिये आगे बढ़े।
भजन संहिता 48 : 5 (ERVHI)
राजा को देखकर वे सभी चकित हुए। उनमें भगदड़ मची और वे सभी भाग गए।
भजन संहिता 48 : 6 (ERVHI)
उन्हें भय ने दबोचा, वे भय से काँप उठे!
भजन संहिता 48 : 7 (ERVHI)
प्रचण्ड पूर्वी पवन ने उनके जलयानों को चकनाचूर कर दिया।
भजन संहिता 48 : 8 (ERVHI)
हाँ, हमने उन राजाओं की कहानी सुनी है और हमने तो इसको सर्वशक्तिमान यहोवा के नगर में हमारे परमेश्वर के नगर में घटते हुए भी देखा। यहोवा उस नगर को सुदृढ़ बनाएगा।
भजन संहिता 48 : 9 (ERVHI)
हे परमेश्वर, हम तेरे मन्दिर में तेरी प्रेमपूर्ण करूणा पर मनन करते हैं।
भजन संहिता 48 : 10 (ERVHI)
हे परमेश्वर, तू प्रसिद्ध है. लोग धरती पर हर कहीं तेरी स्तुति करते हैं। हर मनुष्य जानता है कि तू कितना भला है।
भजन संहिता 48 : 11 (ERVHI)
हे परमेश्वर, तेरे उचित न्याय के कारण सिय्योन पर्वत हर्षित है। और यहूदा की नगरियाँ आनन्द मना रही हैं।
भजन संहिता 48 : 12 (ERVHI)
सिय्योन की परिक्रमा करो। नगरी के दर्शन करो। तुम बुर्जो (मीनारों) को गिनो।
भजन संहिता 48 : 13 (ERVHI)
ऊँचे प्राचीरों को देखो। सिय्योन के महलों को सराहो। तभी तुम आने वाली पीढ़ी से इसका बखान कर सकोगे।
भजन संहिता 48 : 14 (ERVHI)
सचमुच हमारा परमेश्वर सदा सर्वदा परमेश्वर रहेगा। वह हमको सदा ही राह दिखाएगा। उसका कभी भी अंत नहीं होगा।

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