भजन संहिता 60 : 1 (ERVHI)
हे परमेश्वर, तूने हमको बिसरा दिया। [QBR2] तूने हमको विनष्ट कर दिया। तू हम पर कुपित हुआ। [QBR2] तू कृपा करके वापस आ। [QBR]
भजन संहिता 60 : 2 (ERVHI)
तूने धरती कँपाई और उसे फाड़ दिया। [QBR2] हमारा जगत बिखर रहा, [QBR2] कृपया तू इसे जोड़। [QBR]
भजन संहिता 60 : 3 (ERVHI)
तूने अपने लोगों को बहुत यातनाएँ दी है। [QBR2] हमदाखमधु पिये जन जैसे लड़खड़ा रहे और गिर रहे हैं। [QBR]
भजन संहिता 60 : 4 (ERVHI)
तूने उन लोगों को ऐसे चिताया, जो तुझको पूजते हैं। [QBR2] वे अब अपने शत्रु से बच निकल सकते हैं।
भजन संहिता 60 : 5 (ERVHI)
तू अपने महाशक्ति का प्रयोग करके हमको बचा ले! [QBR2] मेरी प्रार्थना का उतर दे और उस जन को बचा जो तुझको प्यारा है!
भजन संहिता 60 : 6 (ERVHI)
परमेश्वर ने अपने मन्दिर में कहा: [QBR2] “मेरी विजय होगी और मैं विजय पर हर्षित होऊँगा। [QBR] मैं इस धरती को अपने लोगों के बीच बाँटूंगा। [QBR2] मैं शकेम और सुक्कोत [QBR2] घाटी का बँटवारा करूँगा। [QBR]
भजन संहिता 60 : 7 (ERVHI)
गिलाद और मनश्शे मेरे बनेंगे। [QBR2] एप्रेम मेरे सिर का कवच बनेगा। [QBR2] यहूदा मेरा राजदण्ड बनेगा। [QBR]
भजन संहिता 60 : 8 (ERVHI)
मैं मोआब को ऐसा बनाऊँगा, जैसा कोई मेरे चरण धोने का पात्र। [QBR2] एदोम एक दास सा जो मेरी जूतियाँ उठता है। [QBR2] मैं पलिश्ती लोगों को पराजित करूँगा और विजय का उद्धोष करूँगा।”
भजन संहिता 60 : 9 (ERVHI)
(9-10) कौन मुझे उसके विरूद्ध युद्ध करने को सुरक्षित दृढ़ नगर में ले जायेगा मुझे कौन एदोम तक ले जायेगा [QBR2] हे परमेश्वर, बस तू ही यह करने में मेरी सहायता कर सकता है। [QBR] किन्तु तूने तो हमको बिसरा दिया! परमेश्वर हमारे साथ में नहीं जायेगा! [QBR2] और वह हमारी सेना के साथ नहीं जायेगा। [QBR]
भजन संहिता 60 : 10 (ERVHI)
हे परमेश्वर, तू ही हमको इस संकट की भूमि से उबार सकता है! [QBR2] मनुष्य हमारी रक्षा नहीं कर सकते! [QBR]
भजन संहिता 60 : 11 (ERVHI)
किन्तु हमें परमेश्वर ही मजबूत बना सकता है। [QBR2] परमेश्वर हमारे शत्रुओं को परजित कर सकता है! [PE]
भजन संहिता 60 : 12 (ERVHI)

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