भजन संहिता 66 : 1 (ERVHI)
हे धरती की हर वस्तु, आनन्द के साथ परमेश्वर की जय बोलो।
भजन संहिता 66 : 2 (ERVHI)
उसके माहिमामय नाम की स्तुति करों! उसका आदर उसके स्तुति गीतों से करों!
भजन संहिता 66 : 3 (ERVHI)
उसके अति अद्भुत कामों से परमेश्वर को बखानों! हे परमेश्वर, तेरी शक्ति बहुत बड़ी है। तेरे शत्रु झुक जाते और वे तुझसे डरते हैं।
भजन संहिता 66 : 4 (ERVHI)
जगत के सभी लोग तेरी उपासना करें और तेरे नाम का हर कोई गुण गायें।
भजन संहिता 66 : 5 (ERVHI)
तुम उनको देखो जो आश्चर्यपूर्ण काम परमेश्वर ने किये! वे वस्तुएँ हमको अचरज से भर देती है।
भजन संहिता 66 : 6 (ERVHI)
परमेश्वर ने धरती सूखी होने को सागर को विवश किया और उसके आनन्दित जन पैदल महानद को पार कर गये।
भजन संहिता 66 : 7 (ERVHI)
परमेश्वर अपनी महाशक्ति से इस संसार का शासन करता है। परमेश्वर हर कहीं लोगों पर दृष्टि रखता है। कोई भी व्यक्ति उसके विरूद्ध नहीं हो सकता।
भजन संहिता 66 : 8 (ERVHI)
लोगों, हमारे परमेश्वर का गुणगान तुम ऊँचे स्वर में करो।
भजन संहिता 66 : 9 (ERVHI)
परमेश्वर ने हमको यह जीवन दिया है। वह हमारी रक्षा करता है।
भजन संहिता 66 : 10 (ERVHI)
परमेश्वर ने हमारी परीक्षा ली है। परमेश्वर ने हमें वैसे ही परखा, जैसे लोग आग में डालकर चाँदी परखते हैं।
भजन संहिता 66 : 11 (ERVHI)
है परमेश्वर, तूने हमें फँदों में फँसने दिया। तूने हम पर भारी बोझ लाद दिया।
भजन संहिता 66 : 12 (ERVHI)
तूने हमें शत्रुओं से पैरों तले दवाया। तूने हमको आग और पानी में से घसीटा। किन्तु तू फिर भी हमें सुरक्षित स्थान पर ले आया।
भजन संहिता 66 : 13 (ERVHI)
[This verse may not be a part of this translation]
भजन संहिता 66 : 14 (ERVHI)
[This verse may not be a part of this translation]
भजन संहिता 66 : 15 (ERVHI)
तुझको पापबलि अर्पित कर रहा हूँ, और मेढ़ों के साथ सुगन्ध अर्पित करता हूँ। तुझको बैलों और बकरों की बलि अर्पित करता हूँ।
भजन संहिता 66 : 16 (ERVHI)
ओ सभी लोगों, परमेश्वर के आराधकों। आओ, मैं तुम्हें बताऊँगा कि परमेश्वर ने मेरे लिए क्या किया है।
भजन संहिता 66 : 17 (ERVHI)
मैंने उसकी विनती की। मैंने उसका गुणगान किया।
भजन संहिता 66 : 18 (ERVHI)
मेरा मन पवित्र था, मेरे स्वामी ने मेरी बात सुनी।
भजन संहिता 66 : 19 (ERVHI)
परमेश्वर ने मेरी सुनी। परमेश्वर ने मेरी विनती सुन ली।
भजन संहिता 66 : 20 (ERVHI)
परमेश्वर के गुण गाओ। परमेश्वर ने मुझसे मुँह नहीं मोड़ा। उसने मेरी प्रार्थना को सुन लिया। परमेश्वर ने निज करूणा मुझपर दर्शायी।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20

BG:

Opacity:

Color:


Size:


Font: