हे यहोवा, मेरे स्वामी, तेरा नाम सारी धरती पर अति अद्भुत है। [QBR2] तेरा नाम स्वर्ग में हर कहीं तुझे प्रशंसा देता है।
भजन संहिता 8 : 2 (ERVHI)
बालकों और छोटे शिशुओं के मुख से, तेरे प्रशंसा के गीत उच्चरित होते हैं। [QBR2] तू अपने शत्रुओं को चुप करवाने के लिये ऐसा करता है।
भजन संहिता 8 : 3 (ERVHI)
हे यहोवा, जब मेरी दृष्टि गगन पर पड़ती है, जिसको तूने अपने हाथों से रचा है [QBR2] और जब मैं चाँद तारों को देखता हूँ जो तेरी रचना है, तो मैं अचरज से भर उठता हूँ। [QBR]
भजन संहिता 8 : 4 (ERVHI)
लोग तेरे लिये क्यों इतने महत्त्वपूर्ण हो गये [QBR2] तू उनको याद भी किस लिये करता है [QBR] मनुष्य का पुत्र तेरे लिये क्यों महत्त्वपूर्ण है [QBR2] क्यों तू उन पर ध्यान तक देता है
भजन संहिता 8 : 5 (ERVHI)
किन्तु तेरे लिये मनुष्य महत्त्वपूर्ण है! [QBR2] तूने मनुष्य को ईश्वर का प्रतिरुप बनाया है, और उनके सिर पर महिमा और सम्मान का मुकुट रखा है। [QBR]
भजन संहिता 8 : 6 (ERVHI)
तूने अपनी सृष्टि का जो कुछ भी [QBR2] तूने रचा लोगों को उसका अधिकारी बनाया। [QBR]
भजन संहिता 8 : 7 (ERVHI)
मनुष्य भेड़ों पर, पशु धन पर और जंगल के सभी हिसक जन्तुओं पर शासन करता है। [QBR]
भजन संहिता 8 : 8 (ERVHI)
वह आकाश में पक्षियों पर [QBR2] और सागर में तैरते जलचरों पर शासन करता है। [QBR]
भजन संहिता 8 : 9 (ERVHI)
हे यहोवा, हमारे स्वामी, सारी धरती पर तेरा नाम अति अद्भुत है। [PE]