भजन संहिता 82 : 1 (ERVHI)
आसाप का एक स्तुति गीत। परमेश्वर देवों की सभा के बीच विराजता है। उन देवों की सभा का परमेश्वर न्यायाधीश है।
भजन संहिता 82 : 2 (ERVHI)
परमेश्वर कहता है, “कब तक तुम लोग अन्यायपूर्ण न्याय करोगे कब तक तुम लोग दुराचारी लोगों को यूँ ही बिना दण्ड दिए छोड़ते रहोगे?”
भजन संहिता 82 : 3 (ERVHI)
अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर, जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।
भजन संहिता 82 : 4 (ERVHI)
दीन और असहाय जन की रक्षा कर। दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
भजन संहिता 82 : 5 (ERVHI)
“इस्राएल के लोग नहीं जानते क्या कुछ घट रहा है। वे समझते नहीं, वे जानते नहीं वे क्या कर रहे हैं। उनका जगत उनके चारों ओर गिर रहा है।”
भजन संहिता 82 : 6 (ERVHI)
मैंने (परमेश्वर) कहा, “तुम लोग ईश्वर हो, तुम परम परमेश्वर के पुत्र हो।
भजन संहिता 82 : 7 (ERVHI)
किन्तु तुम भी वैसे ही मर जाओगे जैसे निश्चय ही सब लोग मर जाते हैं। तुम वैसे मरोगे जैसे अन्य नेता मर जाते हैं।”
भजन संहिता 82 : 8 (ERVHI)
हे परमेश्वर, खड़ा हो! तू न्यायाधीश बन जा! हे परमेश्वर, तू सारे ही राष्ट्रों का नेता बन जा!

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