2 इतिहास 27 : 1 (HOV)
जब योताम राज्य करने लगा तब वह पचीस वर्ष का था, और यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यरूशा था, जो सादोक की बेठी थी।
2 इतिहास 27 : 2 (HOV)
उस ने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, अर्थात् जैसा उसके पिता उज्जिरयाह ने किया था, ठीक वैसा ही उस ने भी किया : तौभी वह यहोवा के मन्दिर में न घुसा। और प्रजा के लोग तब भी बिगड़ी चाल चलते थे।
2 इतिहास 27 : 3 (HOV)
उसी ने यहोवा के भवन के ऊपरवाले फाटक को बनाया, और ओपेल की शहरपनाह पर बहुत कुछ बनवाया।
2 इतिहास 27 : 4 (HOV)
फिर उस ने यहूदा के पहाड़ी देश में कई नगर दृढ़ किए, और जंगलों में गढ़ और गुम्मट बनाए।
2 इतिहास 27 : 5 (HOV)
और वह अम्मोनियों के राजा से युठ्ठ करके उन पर प्रबल हो गया। उसी वर्ष अम्मोनियों ने उसको सौ किक्कार चांदी, और दस दस हजार कोर गेहूं और जव दिया। और फिर दूसरे और तीसरे वर्ष में भी उन्हों ने उसे उतना ही दिया।
2 इतिहास 27 : 6 (HOV)
यों योताम सामथ हो गया, क्योंकि वह अपने आप को अपने परमेश्वर यहोवा के सम्मुख जानकर सीधी चाल चलता था।
2 इतिहास 27 : 7 (HOV)
योताम के और काम और उसके सब युठ्ठ और उसकी चाल चलन, इन सब बातों का वर्णन इस्राएल और यहूदा के राजाओं के इतिहास में लिखा है।
2 इतिहास 27 : 8 (HOV)
जब वह राजा हुआ, तब पचीस वर्ष का था; और वह यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा।
2 इतिहास 27 : 9 (HOV)
निदान योताम अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसे दाऊदपुर में मिट्टी दी गई। और उसका पुत्रा आहाज उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

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