व्यवस्थाविवरण 17 : 11 (HOV)
व्यवस्था की जो बात वे तुझे बताएं, और न्याय की जो बात वे तुझ से कहें, उसी के अनुसार करना; जो बात वे तुझ को बाताएं उस से दाहिने वा बाएं न मुड़ना।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20